मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एमपी-एमएलए कोर्ट से झटका, चार दिसंबर को अदालत में सशरीर हाज़िर होने का आदेश
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एमपी-एमएलए कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन की अवहेलना के मामले में व्यक्तिगत पेशी से छूट की याचिका दायर करने पर कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है। अब हेमंत सोरेन को चार दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होना होगा। बताते चलें कि इस मामले में कोर्ट ने 11 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे अब जारी कर दिया गया है। इससे पहले यह मामला सीजेएम कोर्ट में चल रहा था, लेकिन तीन जून को सीजेएम कृष्ण कांत मिश्रा ने इसे एमपी-एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था।
क्या है मामला?
गौरतलब है कि ईडी ने 19 फरवरी को हेमंत सोरेन के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में शिकायतवाद दर्ज कराया था। चार मार्च को कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए मुकदमा चलाने का निर्देश दिया। ईडी के मुताबिक, जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़े इस मामले में मुख्यमंत्री को 10 बार समन जारी किए गए थे। वहीं ईडी ने कोर्ट को बताया कि हेमंत सोरेन केवल दो बार समन के बाद पेश हुए—पहली बार 20 जनवरी को और दूसरी बार 31 जनवरी को। आठ बार समन के बावजूद पेश न होने को ईडी ने समन की अवहेलना बताया है।
अब एमपी-एमएलए कोर्ट ने चार दिसंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है। इस फैसले के बाद मामला और गंभीर हो गया है, क्योंकि मुख्यमंत्री पर लगातार जांच एजेंसी के निर्देशों की अनदेखी का आरोप लग रहा है।