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सेवा विस्तार पर असमंजस में फंसे झारखंड DGP अनुराग गुप्ता, मई माह का वेतन अटका

झारखंड के पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता को अब तक मई महीने का वेतन नहीं मिला है, जबकि उन्होंने नियमित रूप से पूरे महीने काम किया। वजह यह है कि उनके कार्यालय के लेखा सहायक ने वेतन बिल ही ट्रेजरी को नहीं भेजा। लेखा कार्यालय के रिकॉर्ड में उन्हें पहले से सेवानिवृत्त मान लिया गया है।

रांची स्थित प्रधान महालेखाकार (AG) कार्यालय का कहना है कि अनुराग गुप्ता 30 अप्रैल 2025 को सेवा से सेवानिवृत्त हो चुके हैं और इसी आधार पर उनके लिए ‘शून्य वेतन पर्ची’ (Zero Pay Slip) जारी की गई। इस भ्रम की जड़ 22 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से झारखंड की मुख्य सचिव को भेजा गया वह पत्र है, जिसमें स्पष्ट तौर पर अनुराग गुप्ता की सेवानिवृत्ति की तिथि 30 अप्रैल बताई गई थी।

हालांकि, झारखंड सरकार का कहना है कि DGP को सेवा विस्तार दिया गया है, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे मान्यता नहीं दी। इसका असर उनके वेतन भुगतान पर पड़ा है।

आईएएस और आईपीएस अफसरों के वेतन की प्रक्रिया के तहत, नियुक्ति के बाद AG ऑफिस में सूचना भेजी जाती है, जिसके आधार पर वेतन पर्ची बनती है। फिर संबंधित विभाग का अकाउंटेंट यह डाटा ट्रेजरी को भेजता है, जिसके बाद वेतन खाते में जमा होता है। लेकिन इस प्रक्रिया में अनुराग गुप्ता का डेटा मई के लिए अपडेट ही नहीं किया गया क्योंकि रिकॉर्ड में वह सेवानिवृत्त दर्शाए गए हैं।

जबकि झारखंड के अन्य अधिकारियों को 1 जून को मई महीने का वेतन मिल चुका है, DGP का वेतन सेवा विस्तार की स्थिति स्पष्ट न होने के कारण रोका गया है। साथ ही पेंशन और अन्य लाभों का भुगतान भी फिलहाल रुका हुआ है।