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अवैध कब्जों पर लगेगा अंकुश, झारखंड सरकार ने शुरू किया भूमि सर्वेक्षण, तीन चरणों में होगी कार्रवाई

झारखंड सरकार ने राज्य की सरकारी भूमि के संरक्षण के लिए एक व्यापक सर्वेक्षण योजना शुरू की है, जिसे तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों की पहचान करना और उन्हें मुक्त कराना है।
सर्वेक्षण के चरण:
1. प्रारंभिक सर्वेक्षण: पहले चरण में, सभी जिलों में सरकारी भूमि की पहचान की जाएगी। इसके लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों की टीमें गठित की जाएंगी, जो भूमि के रिकॉर्ड की जांच करेंगी।
2. मैपिंग और दस्तावेजीकरण: दूसरे चरण में, पहचानी गई भूमि की मैपिंग की जाएगी और उसके दस्तावेज तैयार किए जाएंगे। इस प्रक्रिया में आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा ताकि भूमि की सटीक स्थिति और सीमाओं का निर्धारण हो सके।
3. कार्रवाई और संरक्षण: अंतिम चरण में, अवैध कब्जों की पहचान के बाद, कानूनी कार्रवाई की जाएगी और भूमि को सरकारी नियंत्रण में लाया जाएगा। साथ ही, भविष्य में ऐसे कब्जों को रोकने के लिए निगरानी तंत्र स्थापित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे लैंड रिफॉर्म्स एक्ट 1950 के तहत नई भूमि नीति तैयार करें। इसके लिए बिहार, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश से नीतियां मंगवाई गई हैं, जिनका अध्ययन कर झारखंड के लिए उपयुक्त नीति बनाई जाएगी।