झारखंड सरकार ने जारी किया नया आउटसोर्सिंग मैन्युअल, नियुक्तियों में पारदर्शिता और वेतन विसंगतियों पर लगेगी लगाम

झारखंड सरकार के वित्त विभाग ने राज्य के विभिन्न विभागों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मियों की नियुक्ति हेतु एक विस्तृत मैन्युअल जारी कर दिया है। यह कदम हाल ही में कैबिनेट द्वारा अनुमोदित आउटसोर्सिंग मैन्युअल के आलोक में उठाया गया है। इसके लागू होने से विभागों द्वारा मनमाने तरीके से की जा रही नियुक्तियों पर रोक लगेगी और मानदेय से संबंधित अनियमितताओं का समाधान होगा। साथ ही, कर्मचारियों के वेतन में भी संशोधन की संभावना है, जिसके लिए अलग से एक समिति गठित की जाएगी।
क्या है नया मैन्युअल और क्यों है जरूरी?
राज्य सरकार के विभिन्न विभागों और अधीनस्थ कार्यालयों में सूचना प्रौद्योगिकी, डाटा एनालिस्ट, कंप्यूटर ऑपरेटर, प्रोग्रामर, सहायक प्रोग्रामर और चतुर्थवर्गीय कर्मियों की आवश्यकताएं निरंतर बनी रहती हैं। इन्हीं आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु बाह्य स्रोतों के माध्यम से कर्मियों की नियुक्ति की जा रही है।

इस प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए GeM पोर्टल और NICSI जैसे सरकारी प्लेटफॉर्म्स का उपयोग किया जा रहा है। GeM और Jharkhand Procurement Manual के दिशा-निर्देश पहले से प्रभावी हैं और यह नया मैन्युअल इन्हीं के अंतर्गत तैयार किया गया है।
नीति निर्धारण और समिति की भूमिका
आउटसोर्सिंग को लेकर स्पष्ट नीति की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए आईटी और ई-गवर्नेंस विभाग ने एक अंतर्विभागीय समिति का गठन किया था, जिसकी अनुशंसा पर यह मैन्युअल तैयार हुआ है। अब वित्त विभाग के विशेष सचिव की अध्यक्षता में मासिक वेतन निर्धारण समिति गठित की जाएगी जो सेवा दरें तय करेगी।
अभी तक की समस्याएं और उनका समाधान
विभिन्न विभागों में आउटसोर्सिंग से नियुक्त कर्मियों को मानदेय भुगतान में देरी, अवैध कटौती, श्रम कानूनों का उल्लंघन और सेवा प्रदाताओं द्वारा नियमविरुद्ध राशि वसूली जैसी शिकायतें मिलती रही हैं। इन समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देशों वाले इस मैन्युअल की जरूरत थी।
झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा भी कुछ मामलों में राज्य सरकार को आउटसोर्स कर्मियों की सेवा नियमितीकरण तथा प्रक्रिया के निर्धारण को लेकर निर्देश दिए गए हैं, जिनके आलोक में यह मैन्युअल आवश्यक हो गया था।
आरक्षण और स्थानीय नियोजन अधिनियम का पालन अनिवार्य
मैन्युअल के अनुसार, राज्य में प्रभावी आरक्षण नीति का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। साथ ही, स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने हेतु झारखंड निजी क्षेत्र स्थानीय नियोजन अधिनियम, 2021 के प्रावधानों को भी अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा। बिडिंग के समय सेवा प्रदाताओं को इसका शपथ-पत्र देना होगा।
समन्वित पोर्टल से होगी नियुक्ति प्रक्रिया
अब मैनपावर सेवा लेने की पूरी प्रक्रिया को केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा, जिससे वित्तीय पारदर्शिता, दक्षता और प्रशासनिक नियंत्रण बेहतर होगा।
वित्त विभाग द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को राज्य मंत्रिपरिषद की 22 मई 2025 को हुई बैठक में अनुमोदन प्राप्त हो चुका है। इसके साथ ही Jharkhand Manpower Procurement (Outsourcing) Manual, 2025 आधिकारिक रूप से लागू हो गया है।