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झारखंड में बिजली टैरिफ पर समीक्षा तेज़, आयोग ने मांगे वित्तीय दस्तावेज

झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (JSERC) ने नए टैरिफ पीटिशन की सुनवाई से पहले बिजली वितरण निगम से महत्वपूर्ण वित्तीय और परिचालन से जुड़े दस्तावेज मांगे हैं। इसमें वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2025-26 के ऑडिटेड रेवेन्यू मॉडल के साथ-साथ बिजली खरीद का मॉडल भी शामिल है।

औद्योगिक क्षेत्र में बिक्री घटी, आयोग ने पूछा कारण
आयोग ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में अंतर-राज्यीय ट्रांसमिशन स्तर पर मासिक खर्च और ऊर्जा निकासी का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। औद्योगिक क्षेत्र में बिजली बिक्री में गिरावट को लेकर भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। उल्लेखनीय है कि इस वित्तीय वर्ष में औद्योगिक श्रेणी में 317.83 मिलियन यूनिट बिजली बेचने की अनुमति थी, लेकिन वास्तव में केवल 270.12 मिलियन यूनिट की बिक्री हुई।

बिजली खरीद और बिक्री का पूरा रिकॉर्ड तलब
रेगुलेटरी आयोग ने वितरण निगम से यह स्पष्ट करने को कहा है कि पावर कंपनियों से खरीदी गई बिजली की बिक्री और खरीद का पूरा डेटा प्रस्तुत किया जाए। आयोग ने यह भी पूछा है कि बिजली शेड्यूलिंग में मेरिट ऑर्डर डिस्पैच का पालन हुआ या नहीं।

बिजली हानि और मरम्मत खर्च पर उठे सवाल
वित्तीय वर्ष 2023-24 में वितरण हानि बढ़कर 31.26% हो गई, जबकि पिछले वर्ष यह 30.28% थी। आयोग ने इस बढ़ोतरी का विस्तृत कारण मांगा है। इसके अलावा, मरम्मत और रखरखाव के लिए स्वीकृत 294.93 करोड़ रुपये के मुकाबले 343.30 करोड़ रुपये खर्च किए जाने पर भी सफाई देने को कहा गया है।

पूंजीगत खर्च में 740 करोड़ की वृद्धि पर जवाब तलब
वित्तीय वर्ष 2023-24 में पूंजीगत खर्च में 740.04 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। आयोग ने वितरण निगम को योजनावार खर्च का पूरा विवरण देने का निर्देश दिया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में बिजली खरीद की योजना तैयार करने के लिए आयोग ने महंगे संयंत्रों पर निर्भरता कम करने और 5% उत्पादन वृद्धि के आधार को स्पष्ट करने को कहा है।