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झारखंड उच्च न्यायालय ने हेमंत सोरेन की अमेंडमेंट पिटीशन को स्वीकार किया, 27 फरवरी को होगी अगली सुनवाई

अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत प्रार्थी के आग्रह को स्वीकार करते हुए अमेंडमेंट पिटीशन को स्वीकार कर लिया। जिसके बाद हाईकोर्ट  ने ईडी को प्रार्थी के अमेंडमेंट पिटीशन की मेरिट पर जवाब दायर करने को कहा है।

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर झारखंड उच्च न्यायालय में आज सुनवाई हुई। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अदालत से आग्रह किया कि उनके द्वारा जो अमेंडमेंट पिटीशन दायर किया गया है। उसे स्वीकार कर लिया जाए। उन्होंने अदालत को बताया कि ईडी के द्वारा जो पूर्व मुख्यमंत्री का गिरफ्तारी असंवैधानिक है। इस तरह से गिरफ्तारी नहीं की जा सकती है। ईडी के अधिवक्ता ने उसके इस दलील का विरोध किया। उन्होंने कहा कि ईडी की ओर से जो कार्रवाई की गई है, वह सही है। इसलिए इस याचिका को खारिज कर दिया जाए। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत प्रार्थी के आग्रह को स्वीकार करते हुए अमेंडमेंट पिटीशन को स्वीकार कर लिया। जिसके बाद हाईकोर्ट  ने ईडी को प्रार्थी के अमेंडमेंट पिटीशन की मेरिट पर जवाब दायर करने को कहा है। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मामले में जवाब दाखिल करने हेतु समय मांगा गया है। अब मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी। बताते चलें कि, इस मामले में पिछली सुनवाई 5 फरवरी को हुई थी। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय से जवाब की मांग की थी और 9 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 9 फरवरी को भी जवाब दाखिल किया गया था। अब दोबारा ईडी ने समय मांगा है। 


हेमंत ने गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी है

गौरतलब है कि हेमंत सोरेन ने 5 फरवरी को झारखंड हाईकोर्ट में अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी थी। उन्होंने इसे लेकर झारखंड हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की है। हेमंत की ओर से एक हस्तक्षेप याचिका दायर कर दोनों बिंदुओं को चुनौती दी गई है। जानकारी हो कि हेमंत सोरेन को जमीन घोटाला मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। 31 जनवरी को 7 घंटे की पूछताछ के बाद हेमंत सोरेन की गिरफ्तार किया गया था। 


सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट ने जाने का दिया था निर्देश

ईडी ने 29 जनवरी को पूर्व मुख्यमंत्री के दिल्ली स्थित आवास पर छापेमारी की थी। जिसके बाद हेमंत सोरेन ने 31 जनवरी को पूछताछ के लिए समय दिया था। साथ ही हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में एक साथ याचिका दायर कर ईडी द्वारा जारी किये गये समन को नियम विरुद्ध करार देने और पीड़क कार्रवाई करने पर रोक लगाने की मांग की गयी थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2 फरवरी को सुनवाई की तिथि तय करने की वजह से हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई के लिए पांच फरवरी की तिथि निर्धारित की थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और हाईकोर्ट में जाने का निर्देश दिया था।