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हेहल अंचलाधिकारी पर झारखण्ड हाईकोर्ट ने लगाया 5000 रुपये का जुर्माना, जानें

झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर ने हेहल अंचल के सिमलिया मौजा में एक भूखंड की लगान रसीद जारी न करने पर कड़ी नाराजगी जताई है। अदालत ने इस मामले में हेहल अंचलाधिकारी पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया है। यह राशि उनके वेतन से काटकर एडवोकेट्स क्लर्क एसोसिएशन वेलफेयर फंड, झारखंड हाईकोर्ट में जमा करने का आदेश दिया गया है।

अदालत ने अंचलाधिकारी को अगली सुनवाई में सशरीर हाजिर होने का निर्देश भी दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 21 फरवरी को होगी। मामले की जानकारी के अनुसार प्रार्थी सैयद फुरकान अहमद ने अवमाना याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि उनके पति के नाम पर सिमलिया मौजा में भूमि का रसीद कटता था, जो उनके निधन के बाद बंद कर दिया गया था। इसके बाद, उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने रसीद जारी करने का आदेश दिया था।

राज्य सरकार ने इस आदेश के खिलाफ अपील की, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (स्पेशल लीव पिटीशन) दायर की, जिसे भी खारिज कर दिया गया। इसके बावजूद प्रशासन ने रसीद जारी नहीं की, जिससे प्रार्थी को हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर करनी पड़ी।

कोर्ट ने पहले भी आदेश का पालन करने के लिए समय दिया था, लेकिन जब आदेश की अनदेखी हुई, तो अदालत ने सख्त कदम उठाते हुए अंचलाधिकारी पर जुर्माना लगाया। अब 21 फरवरी को अगली सुनवाई होगी, जिसमें अंचलाधिकारी को कोर्ट में पेश होना होगा।