झारखंड हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी : नशे के सौदागरों पर लगायें लगाम, ड्रग्स माफियाओं के नेटवर्क को करें ध्वस्त
झारखंड हाईकोर्ट ने नशे के सौदागरों पर अंकुश लगाने के लिए सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य में युवाओं की जिंदगी नशे की वजह से बर्बाद हो रही है। अदालत ने बिना लाइसेंस के शराब बिक्री पर रोक लगाने और इसके लिए गाइडलाइन बनाने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि झारखंड में नशे के कारण युवा रिनपास में भर्ती हो रहे हैं और जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे हैं। राजधानी रांची समेत पूरे राज्य में अफीम, चरस, गांजा जैसे नशीले पदार्थों की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है, जो अभिभावकों, राज्य सरकार और अदालत के लिए चिंता का विषय है। इसलिए, ड्रग्स माफियाओं के नेटवर्क को ध्वस्त करने की आवश्यकता है।
राजधानी रांची में नशीली पदार्थों की बढ़ती समस्या
हाईकोर्ट ने कहा कि राजधानी रांची के कई इलाकों में नशीले पदार्थों का व्यापार तेजी से बढ़ रहा है, जिस पर पुलिस को सख्ती से कार्रवाई करनी होगी। अदालत ने राज्य सरकार से कहा कि शहर के कई इलाकों में बिना लाइसेंस के अवैध रूप से शराब बिक रही है। इस पर रोक लगाने के लिए गाइडलाइन जारी कर अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
पुलिस की कार्रवाई और राज्य सरकार की जिम्मेदारी
महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि अफीम, चरस, गांजा जैसे नशीले पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। हाल के दिनों में बड़ी मात्रा में गांजा जप्त कर तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। अदालत ने कहा कि शराब के व्यापार से राज्य सरकार को राजस्व प्राप्त होता है, लेकिन मोहल्ला और मंदिर के आसपास शराब की बिक्री से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए, ऐसे स्थानों पर शराब की बिक्री के लिए लाइसेंस न दिया जाए।