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झारखंड में ज़मीन घोटाले का भंडाफोड़, कांके रिसोर्ट मालिक समेत कई पर केस दर्ज

रांची के कांके क्षेत्र में ज़मीन हेराफेरी के एक बड़े मामले में कांके रिसोर्ट के मालिक बीके सिंह और जेल में बंद कमलेश सिंह समेत 10 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह मामला घोड़े उरांव की शिकायत पर कांके थाना में दर्ज किया गया है। इस केस में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों – उमेश टोप्पो, प्रवीण जायसवाल और शाहरुख खान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। दिलचस्प बात यह है कि उमेश और प्रवीण प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के उस मामले में गवाह हैं, जिसमें कमलेश सिंह मुख्य अभियुक्त हैं और फिलहाल जेल में बंद हैं।

आदिवासी ज़मीन का नेचर बदलकर बेचा
घोड़े उरांव ने आरोप लगाया है कि उसकी 10 एकड़ ज़मीन को गैर-आदिवासियों को बेचने के लिए उसका नेचर बदल दिया गया। उनका दावा है कि खाता नंबर 19 और 119 में उनकी ज़मीन स्थित है, जिसमें खाता 19 की ज़मीन कायमी और खाता 119 की ज़मीन भुईहरी प्रकृति की है।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि उमेश टोप्पो, शंकर कुजूर, राजेश लिंडा समेत अन्य ने अंचल कार्यालय के कर्मचारियों के साथ मिलकर दस्तावेजों में हेरफेर कर ज़मीन की प्रकृति बदल दी।

जालसाजी कर ज़मीन गैर-आदिवासियों को बेची
आरोपियों ने ज़मीन को नीलामी योग्य घोषित कर उसे गैर-आदिवासियों को बेच दिया। अंचल कार्यालय के अधिकारियों ने रजिस्टर-टू और ऑनलाइन दस्तावेजों में छेड़छाड़ की, जिससे 2021 से ज़मीन की लगान रसीद भी काटनी बंद कर दी गई।

सादा कागज़ पर अंगूठे का निशान लेकर बेची ज़मीन
शिकायत में कहा गया है कि कमलेश सिंह के इशारे पर रंजीत टोप्पो और सूरज टोप्पो समेत अन्य लोगों ने ज़मीन बचाने के नाम पर घोड़े उरांव से सादा कागज़ पर अंगूठे का निशान ले लिया और बाद में उसी ज़मीन को बेच दिया।

घोड़े उरांव ने आरोप लगाया है कि इस पूरे घोटाले के पीछे कांके रिसोर्ट के मालिक ब्रजेश सिंह का हाथ है। वह इस जालसाजी का सरगना बताया जा रहा है। घोड़े उरांव ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाए और उनकी ज़मीन उन्हें वापस दिलाई जाए।