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झारखंड शराब घोटाला : आरोपी गजेंद्र सिंह ने खुद किया कोर्ट से बयान दर्ज करने का अनुरोध, 8 पन्नों में खोले कई राज

झारखंड शराब घोटाला

झारखंड में चल रहे बहुचर्चित शराब घोटाले में एक बड़ा और चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। इस घोटाले के मुख्य आरोपियों में शामिल उत्पाद विभाग के तत्कालीन संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह ने अपने ही आग्रह पर कोर्ट में बयान दर्ज कराया है। यह बयान बीएनएस अधिनियम की धारा 183 (पूर्व में धारा 164) के तहत दर्ज किया गया।

सूत्रों के अनुसार, गजेंद्र सिंह ने न्यायिक हिरासत में रहते हुए ट्रायल कोर्ट को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने स्वयं अपना बयान दर्ज कराने की इच्छा जताई थी। इस अनुरोध के बाद अदालत ने एक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की, जिन्होंने जेल में ही गजेंद्र सिंह का बयान दर्ज किया। यह बयान एजेंसियों के कहने पर नहीं, बल्कि गजेंद्र सिंह की पहल पर हुआ।

बताया जा रहा है कि उनका बयान कुल 8 पृष्ठों का है और इसे सीलबंद कर सुरक्षित रखा गया है। इस बयान में उन्होंने शराब घोटाले से जुड़े कई महत्वपूर्ण पहलुओं और रहस्यों का खुलासा किया है, जिससे जांच की दिशा में बड़ा असर पड़ सकता है।

अब तक 10 गिरफ्तारियां, केवल दो को मिली राहत
शराब घोटाले की जांच कर रही ACB ने इस मामले में पहली गिरफ्तारी वरिष्ठ IAS अधिकारी विनय चौबे और गजेंद्र सिंह की की थी, जिन्हें 20 मई को हिरासत में लिया गया था। अब तक इस घोटाले में कुल 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें दो वरिष्ठ IAS अधिकारी और छत्तीसगढ़ के चर्चित कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया का नाम शामिल है। इनमें से अब तक केवल गजेंद्र सिंह और विनय सिंह को राहत मिली है, जबकि अन्य अभियुक्त अभी भी जेल में हैं।