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झामुमो का चुनाव आयोग से आग्रह, कार्यकाल पूरा होने से पहले चुनाव न कराएं

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने चुनाव आयोग को पत्र लिख कर अपील की है कि झारखंड विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने से पहले राज्य में चुनाव न कराये जाएं। पार्टी ने तर्क दिया है कि झारखंड विधानसभा का कार्यकाल अभी बचा हुआ है और ऐसे में जल्दबाजी में चुनाव की घोषणा करने की आवश्यकता नहीं है। झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड विधानसभा का कार्यकाल औपचारिक रूप से 5 जनवरी 2020 को शुरू हुआ था, जबकि राज्य सरकार का गठन 29 दिसंबर 2019 को हुआ था। ऐसे में विधानसभा का कार्यकाल अब भी शेष है और चुनाव अपने निर्धारित समय पर ही कराए जाने चाहिए।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने हरियाणा का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी कार्यकाल अक्टूबर तक था और चुनाव भी अक्टूबर में ही कराए गए, जिसके बाद 8 अक्टूबर को मतगणना हुई। उन्होंने मीडिया में झारखंड में जल्द चुनाव की घोषणा को लेकर चल रही खबरों पर संदेह जताते हुए कहा कि चुनाव की तारीख को लेकर किसी प्रकार की जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने चुनाव आयोग से अपील की है कि झारखंड में अक्टूबर और नवंबर के महीनों में कई बड़े त्यौहार होते हैं, इसलिए इस अवधि में चुनाव कराना सही नहीं होगा। भट्टाचार्य ने सुझाव दिया कि जम्मू-कश्मीर में कम चरणों में चुनाव हुए थे, तो झारखंड में भी 80 सीटों के लिए कम चरणों में चुनाव कराए जा सकते हैं। हरियाणा में 90 सीटों के लिए एक ही चरण में चुनाव हुए थे, तो झारखंड में भी ऐसा संभव है। जेएमएम ने जोर देते हुए कहा कि चुनाव आयोग को आराम से चुनाव की योजना बनानी चाहिए और निर्धारित समयसीमा के अनुसार चुनाव कराए जाएं, ताकि राज्य में त्यौहारों के दौरान किसी प्रकार की असुविधा न हो और सभी प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके।