झारखण्ड प्रदेश की खादी संस्थाओं के साथ 'खादी संवाद कार्यक्रम' आयोजित

आज राज्य कार्यालय, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (खा.ग्रा.आ.), अशोक नगर, रांची के प्रांगण में मनोज कुमार सिंह, सदस्य (पूर्वी क्षेत्र), खा.ग्रा.आ. की अध्यक्षता में झारखण्ड प्रदेश की खादी संस्थाओं के साथ ''खादी संवाद कार्यक्रम'' आयोजित किया गया, जिसमें राज्य की अधिकतर खादी संस्थाओं ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य की खादी संस्थाओं के उत्पादन एवं बिक्री में आ रही कठिनाइयों पर सार्थक पहल करना है। आज देश दुनिया में खादी वस्त्र की मांग काफी बढ़ी है, क्योंकि खादी वस्त्र के उत्पादन में पर्यावरण संतुलन भी रहता है और सतत विकास का लक्ष्य भी हासिल होता है। खादी वस्त्रों के उत्पादन से ग्रामीण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार का भी सृजन होता है इसलिए अधिक से अधिक खादी संस्थायें झारखण्ड में बनें और उनकी गतिविधि बढ़े यह भी इस खादी संवाद का उद्देश्य है।
मनोज कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने प्रथम और द्वितीय कार्यकाल के दौरान खादी और ग्रामोद्योग को प्राथमिकता पर रखते हुए अनेक प्रकार से बढ़ावा दिया है। इसी का परिणाम है कि आज सरकारी खरीद में भी खादी वस्त्र की मांग बढ़ी है, जिसके परिणामस्वरुप खादी और ग्रामोद्योग आयोग की पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 की कुल बिक्री लगभग डेढ़ लाख करोड़ के रिकार्ड स्तर तक पहुँच गई है।

मनोज कुमार सिंह ने संस्थाओं से आग्रह किया कि आयोग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का पूरा-पूरा लाभ लें और राज्य में खादी के उत्पादन और बिक्री को और आगे बढ़ायें। चूंकि कोकून के उत्पादन में इस राज्य का देश में विशिष्ट स्थान है, खासकर तसर सिल्क के उत्पादन में, इसलिए संस्थायें अपनी दक्षता बढ़ा करके यहां के उत्पादों को देश के कोने-कोने में पहुँचायें और अपनी प्रदेश को एक पहचान दिलायें। आयोग ने कोकून की समस्या को देखते हुए इस क्षेत्र के लिए एक कोकून बैंक की शुरूआत की है।
खादी संस्थाओं ने सुझाव दिया कि अन्य राज्यों की तरह झारखण्ड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड भी संस्थाओं को सुविधाऍं मुहैया करायें। बैठक में उपस्थित झारखण्ड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदया सुमन पाठक ने कहा कि अन्य राज्यों की तरह इस पर सार्थक पहल किया जाएगा एवं अन्य राज्यों के खादी बोर्ड की तर्ज पर इस राज्य की संस्थाओं को भी झारखण्ड बोर्ड की तरफ से हर संभव मदद देने की पहल की जाएगी।
खादी संवाद में आदिम जाति समग्र विकास परिषद, अनगड़ा, रांची के सचिव मो. आलम, संताल परगना ग्रामोद्योग समिति, देवघर के प्रतिनिधि श्याम नन्दन राय, महादेव स्मारक खादी ग्रामोद्योग मंडल के सचिव सुमन देमता, सिंहभूम ग्रामोद्योग विकास संस्थान, चाईबासा की प्रतिनिधि अपूर्वा, खादी ग्रामोद्योग संघ, धनबाद के सचिव विभांशु कुमार सिंह, खादी ग्रामोद्योग संघ, जमशुदपुर के सचिव रविन्द्र कुमार ठाकुर, खादी ग्रामोद्योग संघ, हजारीबाग के प्रतिनिधि संतोष कुमार सिंह, झारखण्ड राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के किशोर कुमार सिंह, लोक सेवा केन्द्र, चाईबासा के सचिव राजीव रंजन सिंह, पूर्वा खादी ग्रामोद्योग ट्रस्ट, हिनू, रांची के सचिव नेहा परवीन ने अपनी भागीदारी की। उपस्थित संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने आयोग द्वारा खादी कार्यक्रम का वार्षिक बजट और अन्य सुविधाओं में बढ़ोतरी के लिए धन्यवाद देते हुए खादी उत्पादन से संबंधित कत्तीन-बुनकरों के प्रशिक्षण का स्थानीय स्तर पर व्यवस्था करने का सुझाव दिया। मनोज कुमार सिंह ने वर्तमान परिस्थितियों के अनुरुप खादी संस्थाओं को खादी के डिजाइनर वस्त्र निर्माण का सुझाव दिया ताकि नई पीढ़ी खादी वस्त्र की ओर आकर्षित हो सके, उनमें इसकी लोकप्रियता बढे़, जिससे खादी की बिक्री बढ़ेगी एवं ग्रामीण स्तर पर कार्यरत कत्तीन-बुनकरों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी।