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झारखंड की 19 जेलों में अधीक्षक का अभाव, जेलर और क्लर्क के भरोसे चल रही व्यवस्थाएं

झारखंड की जेलों में प्रशासनिक संकट गहराता जा रहा है। राज्य की 31 जेलों में से 28 में जेल अधीक्षक के पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से 19 जेलों में यह पद खाली पड़ा है। परिणामस्वरूप, इन जेलों का संचालन केवल जेलर और क्लर्कों के भरोसे हो रहा है। वहीं राज्य की जिन 19 जेलों में अधीक्षक का पद रिक्त है, उनमें शामिल हैं—रांची, घाटशिला, साकची, सरायकेला, खूंटी, गुमला, लोहरदगा, गढ़वा, रामगढ़, तेनुघाट, धनबाद, कोडरमा, मधुपुर, देवघर, जामताड़ा, गोड्डा, राजमहल, पाकुड़ और ओपन जेल हजारीबाग।

झारखंड की जेलों में कैदियों की संख्या
राज्य की कुल 31 जेलों में 16,931 कैदी बंद हैं, जिनमें 5,125 सजायाफ्ता और 11,801 विचाराधीन कैदी शामिल हैं।

प्रमुख जेलों में बंद कैदियों की संख्या:

रांची: 3114

देवघर: 708

दुमका: 1150

जमशेदपुर: 1594

गिरिडीह: 664

हजारीबाग: 1530

पलामू: 964

चाईबासा: 746

चास: 260

चतरा: 453

धनबाद: 566

गढ़वा: 442

गोड्डा: 312

गुमला: 441

जामताड़ा: 307

कोडरमा: 185

लातेहार: 380

लोहरदगा: 248

पाकुड़: 255

साहेबगंज: 235

साकची: 232

सरायकेला: 417

सिमडेगा: 223

घाटशिला: 187

खूंटी: 520

मधुपुर: 193

राजमहल: 110

रामगढ़: 226

तेनुघाट: 180

ओपन जेल हजारीबाग: 65