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भाजपा विधायकों के निलंबन पर नेता प्रतिपक्ष का पलटवार, कहा-इमरजेंसी लगाने वाली कांग्रेस के साथ मिलकर झामुमो ने आज फिर काला अध्याय लिखा

 

आज जैसे ही झारखंड विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने नियमावली का हवाला देते हुए कुछ विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने स्पीकर से नियम 299, 300 और 310 के तहत कार्यवाही की अपील की, जिस पर स्पीकर ने 18 विधायकों को निलंबित कर दिया। ये विधायक कल से सदन में प्रदर्शन कर रहे थे। उन्हें कल दोपहर दो बजे तक के लिए निलंबित किया गया।

निलंबन के बाद, ये विधायक पत्रकार दीर्घा में आए और नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि आज का दिन लोकतंत्र की हत्या का दिन है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्पीकर ने राज्य सरकार और जेएमएम के इशारे पर यह कदम उठाया है। बाउरी ने कहा कि बिना किसी दोष के विधायकों को निलंबित करना राज्य सरकार की निरंकुशता का प्रतीक है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए पत्रकारों को सदन में आने से रोका गया।

बाउरी ने आगे कहा कि पाकुड़ में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा को गोपीनाथपुर जाने से रोकना गलत था। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने चुनाव के दौरान युवाओं को पांच लाख नौकरी और बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था, लेकिन वह वादा पूरा नहीं हुआ। उन्होंने सरकार पर अनुबंध कर्मियों को स्थायी करने का वादा तोड़ने का भी आरोप लगाया।

बाउरी ने कहा कि विपक्ष इस निलंबन को काले अध्याय के रूप में देखता है और इस घटना के लिए जनता राज्य सरकार को कभी माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि विपक्षी विधायक युवाओं और अनुबंध कर्मियों के न्याय के लिए लड़ेंगे और जब तक इस सरकार को सत्ता से उखाड़ नहीं फेंकेंगे, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी के विधायक युवाओं के हित में अपने पद का त्याग करने को तैयार हैं और वे इस संकल्प के साथ मैदान में उतरने वाले हैं।