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राज्य के कई गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल गायब, चुनाव आयोग ने शुरू की तलाश और कार्रवाई की तैयारी

झारखंड में कई गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल अब चुनाव आयोग की नजर में आ गए हैं। लंबे समय से अज्ञातवास में चल रहे इन दलों की कोई जानकारी आयोग के पास नहीं है—ना इनका दफ्तर है, ना कोई सालाना रिपोर्ट। ऐसे में निर्वाचन आयोग ने अब इन 'लापता' दलों पर शिकंजा कसने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

किन पार्टियों पर मंडरा रहा है खतरा?
जिन आठ राजनीतिक दलों की खोजबीन की जा रही है, उनमें शामिल हैं—भारत विकास मोर्चा, बहुजन सदान मोर्चा, भारतीय जन मुक्ति पार्टी, जनसाधारण पार्टी, झारखंड पार्टी सेक्युलर, झारखंड विकास दल, राष्ट्रीय मजदूर किसान प्रजातांत्रिक पार्टी और राष्ट्रीय सेंगल पार्टी। इनमें से पांच रांची में, जबकि एक-एक पलामू, गिरीडीह और देवघर में पंजीकृत थे।

कार्रवाई की दिशा में बढ़ता आयोग
राज्य निर्वाचन पदाधिकारी ने इन दलों के ब्योरे और जांच रिपोर्ट भारत निर्वाचन आयोग को भेज दी है। रिपोर्ट के आधार पर झारखंड में कुल 39 गैर मान्यता प्राप्त दलों की मान्यता रद्द हो सकती है। चुनाव आयोग अब इन दलों के अस्तित्व की पुष्टि कर रहा है और जरूरी कार्रवाई की सिफारिश की गई है।

रिपोर्ट न देने वाले दल भी निशाने पर
सात और दल ऐसे हैं जिन्होंने अब तक अपनी वार्षिक रिपोर्ट जमा नहीं की है। इनकी भी जांच जारी है और उनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए पत्र भेजा गया है। राज्य में कुल 39 गैर मान्यता प्राप्त दलों में से तीन का पहले ही अन्य दलों में विलय हो चुका है। बाकी बचे दलों पर जांच की प्रक्रिया जारी है।