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मीरा सिंह के व्हाट्सएप चैट ने खोले कई राज़, बालू तस्करी से जुड़ा है मामला

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने गुरूवार अहले सुबह तुपुदाना थाना प्रभारी मीरा सिंह के आवास पर दबिश दी थी। इस दौरान ईडी ने मीरा सिंह के आवास से आधा दर्जन से ज़्यादा मोबाइल और 15 लाख कैश बरामद किये। ईडी की टीम ने इन मोबाइल से तकरीबन 100 जीबी तक का डाटा रिकवर किया है। साथ ही व्हाट्सएप चैट भी रिकवर किया गया है। बताते चलें कि मीरा सिंह के व्हाट्सएप चैट में कई अहम सबूत मिले हैं। व्हाट्सएप चैट में पाया गया कि मीरा सिंह ने कांग्रेस नेता मोहित शाहदेव समेत कई लोगों के साथ बालू की तस्करी की बातचीत की है। कई ट्रकों के नंबर भी चैट में पाए गये हैं। जिन्हें पासिंग देने की बात लिखी हुई है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक चैट में एक आईपीएस की पोस्टिंग कराने की भी बात लिखी है। 

जेल से बाहर आने के बाद और पावरफुल हुईं मीरा
बात 2021 की है जब मीरा सिंह को खूंटी की महिला थाना प्रभारी रहते 15 हजार रुपये रिश्वत के साथ एसीबी ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बावजूद भी उनके रसूख में कोई फर्क नहीं पड़ा। वह और ज्यादा पावरफुल होकर बाहर निकलीं। जेल से बाहर आने के बाद पुलिस मुख्यालय ने इनका खूंटी जिला बल में ट्रांसफर कर दिया था। लेकिन उनके रसूख की वजह से पुलिस मुख्यालय को अपना आदेश रद्द करना पड़ा और फिर मीरा की पसंद से रांची जिला बल में पदस्थापित किया गया। 

2012 बैच की हैं मीरा 
बता दें कि मीरा सिंह 2012 बैच की दारोगा हैं। वह सत्ता की करीबी रही हैं। उनकी पहुंच यहां तक है कि एक बार डीजीपी को भी उनके तबादले का आदेश वापस लेना पड़ा था। 25 फरवरी, 2021 को खूंटी में थाना प्रभारी रहते हुए मीरा सिंह को एसीबी ने 15 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा था। रांची जिला में स्थानांतरित होने के बाद मीरा सिंह को दो साल पहले तुपुदाना ओपी का थाना प्रभारी बनाया गया था। मीरा सिंह पर गंभीर आरोप लग चुके हैं। उन्हें पद से हटाने की भी अनुशंसा हुई है।

विवादों से मीरा का गहरा नाता
मीरा सिंह का विवादों से गहरा नाता रहा है। भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी, पूर्व मुख्यमंत्री सह ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास भी पूर्व में कई बार सरकार को पत्र लिखकर मीरा सिंह पर करवाई की मांग कर चुके हैं। झारखंड उच्च न्यायालय, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में भी दारोगा मीरा सिंह पर पहले से मुकदमा चल रहा है।