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सुरक्षा जमा और समय विस्तार की राशि पर नई व्यवस्था, वित्त विभाग ने जारी की एसओपी

झारखंड सरकार के वित्त विभाग ने सिक्यूरिटी डिपोजिट और टाइम एक्सटेंशन की वापसी से जुड़े भुगतान को लेकर स्पष्ट दिशानिर्देश (SOP) जारी कर दिए हैं। यह निर्देश सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, और सचिव को भेजे गए हैं। दरअसल, इन भुगतानों को लेकर विभागीय कठिनाइयों और हाईकोर्ट की टिप्पणियों के मद्देनज़र यह कदम उठाया गया है।

क्यों जारी हुई एसओपी?
विभाग को लगातार यह फीडबैक मिल रहा था कि सिक्यूरिटी डिपोजिट और टाइम एक्सटेंशन फंड की वापसी में तकनीकी अड़चनें आ रही हैं। इसके साथ ही झारखंड हाईकोर्ट में भी कुछ मामलों के दौरान इस पर सवाल उठे। ऐसे में 2017 से अब तक के मामलों के लिए नियमित SOP और 2017 से पहले के मामलों के लिए अंतरिम SOP जारी की गई है।

एसओपी में क्या है खास?

-WAMIS प्रणाली और डीडीओ लेवल बिल मैनेजमेंट सिस्टम में HR रेफरेंस नंबर का उपयोग अनिवार्य होगा।
-ट्रेजरी वाउचर नंबर और तिथि के आधार पर रिकॉर्ड का मिलान होगा।

भुगतान की प्रक्रिया क्या होगी?

1. बिलिंग इंचार्ज WAMIS HR रेफरेंस नंबर से बिल प्राप्त करेगा।
2. फिर संवेदक का बिल तैयार किया जाएगा।
3. डीडीओ द्वारा यह बिल ट्रेजरी को फॉरवर्ड किया जाएगा।
4. सिस्टम से सत्यापन के बाद ही टीडीओ कंट्रोल नंबर के साथ फाइनल बिल बनेगा।

महत्वपूर्ण: रिफंड बिल के मामलों में ट्रेजरी एप्लिकेशन में सिक्यूरिटी डिपोजिट और टाइम एक्सटेंशन फंड का सत्यापन अनिवार्य होगा।