ओला-उबर को टक्कर देने की तैयारी, केंद्र सरकार जल्द लॉन्च करेगी सहकारी टैक्सी सेवा

भारत सरकार जल्द ही निजी टैक्सी सेवाओं के लिए एक सहकारी विकल्प पेश करने वाली है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में इस योजना की घोषणा की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का "सहकार से समृद्धि" का विजन केवल एक नारा नहीं, बल्कि इसे हकीकत में बदलने के लिए बीते साढ़े तीन वर्षों से प्रयास किए जा रहे हैं। शाह ने कहा कि आने वाले महीनों में एक सहकारी टैक्सी सेवा शुरू की जाएगी, जो ओला और उबर की तरह कार्य करेगी, लेकिन इसका संचालन सहकारी मॉडल पर आधारित होगा। इस सेवा में दोपहिया टैक्सी, ऑटोरिक्शा और चार पहिया वाहनों को भी शामिल किया जाएगा।
निजी टैक्सी कंपनियों को मिलेगी टक्कर
ओला और उबर जैसी निजी कंपनियों के प्रभुत्व को चुनौती देने के लिए पहले भी कई प्रयास हुए हैं। 2017 में दिल्ली के टैक्सी चालकों ने 'सेवा कैब' नाम से एक ड्राइवर-स्वामित्व वाली टैक्सी सेवा शुरू की थी, जबकि केरल में भी इस दिशा में कुछ प्रयोग हुए थे। हालांकि, ये मॉडल ज्यादा दिनों तक बाजार में टिक नहीं सके।

हाल ही में कुछ नई सेवाओं ने प्रतिस्पर्धा में कदम रखा है। रैपिडो ने अपने बिजनेस मॉडल के तहत बाइक टैक्सी सेवा में पहचान बनाई, जबकि सरकार समर्थित ओएनडीसी (ONDC) फ्रेमवर्क पर आधारित ‘नम्मा यात्री’ ने अलग रणनीति अपनाई। यह प्लेटफॉर्म कमीशन आधारित मॉडल के बजाय ड्राइवरों से सदस्यता शुल्क लेता है। बेंगलुरु में शुरू हुई यह सेवा अब कोलकाता, कोच्चि और मैसूर तक पहुंच चुकी है।
सरकार की पहल से बढ़ेगी सफलता की संभावना
यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार की यह नई सहकारी टैक्सी सेवा ‘नम्मा यात्री’ की तर्ज पर होगी या कोई नया मॉडल अपनाया जाएगा। लेकिन सरकारी सहयोग मिलने के कारण इस योजना की सफलता की संभावना पहले के प्रयासों की तुलना में अधिक है।
अगर यह पहल सफल होती है, तो भारत दुनिया का पहला देश बन जाएगा जो निजी टैक्सी सेवाओं के विकल्प के रूप में सहकारी मॉडल विकसित करेगा। अमूल जैसी सफल सहकारी कंपनियों की तर्ज पर यदि यह योजना कारगर सिद्ध होती है, तो यह वैश्विक स्तर पर एक नया उदाहरण बन सकती है और अन्य देशों को भी प्रेरित कर सकती है।