शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ी, धान की बढ़ी हुई MSP और OBC छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिलने पर सदन में हंगामा ही हंगामा
Jharkhand Desk: शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन प्रश्नकाल की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई. कार्यवाही शुरू होते ही मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायक वेल में आ गये और धान की बढ़ी हुई एमएसपी और ओबीसी छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिलने का मामला उठाते हुए सरकार को घेरा. जवाब में सत्ता पक्ष के विधायक भी वेल में आ गये. हालात को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने सभा की कार्यवाही 12:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया. जवाब में कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि आज ओबीसी के हक की बात कर रहे हैं, जबकि इन्हीं लोगों की वजह से ओबीसी का आरक्षण कम हो गया. वहीं संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि चलते सत्र में इन मामलों पर चर्चा की जा सकती है. फिर भी विपक्ष का सख्त रुख बरकरार रहा. इसी बीच सत्ता पक्ष के विधायक भी वेल में आ गये. लिहाजा, स्थिति को देखते हुए स्पीकर ने सभा की कार्यवाही 12:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
बता दें कि 2024 के विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन की ओर से घोषणा पत्र में इस बात का जिक्र किया गया था कि सत्ता में आने पर धान की कीमत प्रति क्विंटल 3200 रुपए दी जाएगी. हालांकि अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सरकार धान का समर्थन मूल्य कितना तय करेगी. वहीं ओबीसी छात्रों को लंबे समय से स्कॉलरशिप नहीं मिल रही है. इससे उनकी आगे की पढ़ाई प्रभावित भी हो रही है. हालांकि शीतकालीन सत्र के पहले दिन इसपर कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने कहा था कि इस मसले पर केंद्र सरकार से बात की जाएगी क्योंकि केंद्र अपनी हिस्सेदारी नहीं दे रहा है.







