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सावन की दूसरी सोमवारी पर बोल बम के नारों से गूंजी 'बाबा नगरी', बाबा के दरबार में पहुंच रहे देशभर के भक्त

सावन की दूसरी सोमवारी पर बोल बम के नारों से गूंजी 'बाबा नगरी', बाबा के दरबार में पहुंच रहे देशभर के भक्त

सावन महीने की दूसरी सोमवारी के अवसर पर झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। सुबह से ही मंदिर परिसर 'बोल बम' के जयघोष से गूंजता रहा। बाबा बैद्यनाथ का पट जैसे ही तड़के 4 बजे खोला गया, वैसे ही रातभर कतार में खड़े श्रद्धालुओं को जल अर्पित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

रात से ही कतार में खड़े रहे भक्त
हजारों की संख्या में कांवरिये रविवार रात से ही मंदिर जाने वाली रूट लाइन में अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए। जैसे ही पट खुला, जिला प्रशासन की ओर से भीड़ को व्यवस्थित करते हुए जलाभिषेक की प्रक्रिया शुरू कराई गई। सोमवार की सुबह से बाबा मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। भीड़ की तीव्रता को भांपते हुए रविवार शाम से ही सुरक्षा के व्यापक प्रबंध कर दिए गए थे।

कांवरियों ने बताया कि मंदिर में भीड़ अत्यधिक थी, जिससे जल चढ़ाने में ढाई से तीन घंटे का समय लगा। वहीं, बाबा मंदिर के पंडा समाज ने बताया कि सावन के सभी सोमवार विशेष माने जाते हैं, लेकिन बंगाल पंचांग के अनुसार शुरू हुआ यह दूसरा सोमवार कुछ और ही मायने रखता है।

बाबा के दरबार में पहुंचे देशभर के भक्त
पुजारियों का कहना है कि इस बार बंगाल और आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में शिवभक्त बाबा धाम पहुंचे हैं। यही वजह है कि दूसरी सोमवारी को अन्य दिनों की तुलना में कहीं अधिक भीड़ देखने को मिल रही है। धार्मिक विद्वानों के अनुसार, जो भक्त विधिपूर्वक दूसरी सोमवारी का व्रत रखते हैं, उन्हें जीवन में कभी धन की कमी नहीं होती।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी रात मुस्तैद रहा। दुम्मा गेट से लेकर मंदिर के गर्भगृह तक सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी। रविवार रात 10 बजे से ही श्रद्धालु लाइन में लगने लगे थे ताकि सुबह जलाभिषेक कर सकें।

पर्यटन मंत्री ने व्यवस्थाओं का लिया जायजा
देवघर के श्रीराम झा चौक से लेकर बरमसिया तक भक्तों की लंबी कतारें दिखाई दीं। शाम होते-होते भीड़ इतनी बढ़ गई कि राज्य के पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार को खुद व्यवस्था का निरीक्षण करने के लिए मंदिर पहुंचना पड़ा। उन्होंने दुम्मा गेट, टेंट सिटी और अन्य प्रबंधों का निरीक्षण किया और कांवरियों से उनकी समस्याएं और अनुभव भी साझा किए।