बाबा नगरी में तिलकहरुओं का आगमन, भोलेनाथ के तिलकोत्सव की तैयारियां शुरू, इस दिन लगेगा बसंत पंचमी मेला

देवघर में बसंत पंचमी मेले को लेकर श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया है। विशेष रूप से बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र से बड़ी संख्या में भक्त बाबा बैद्यनाथ के तिलक अनुष्ठान के लिए पहुंच रहे हैं। बसंत पंचमी मेला बाबा धाम का सबसे पुराना और ऐतिहासिक मेला माना जाता है। इस अवसर पर मिथिलांचल के श्रद्धालु पारंपरिक कांवर यात्रा के माध्यम से सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर देवघर आते हैं और बसंत पंचमी के दिन बाबा बैद्यनाथ का तिलक करते हैं।
बसंत पंचमी से होली की शुरुआत
मिथिलांचल के लोग खुद को माता पार्वती का भाई मानते हैं और बाबा का तिलक करने के बाद एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर होली की शुरुआत करते हैं। यही कारण है कि मिथिलांचल में बसंत पंचमी से ही होली का माहौल बन जाता है।
श्रद्धालु बसंत पंचमी से तीन-चार दिन पूर्व ही बाबा धाम पहुंचकर शहर के खुले मैदानों और सरकारी स्कूलों में ठहरते हैं। इस दौरान बाबा धाम भजन-कीर्तन की गूंज से भक्तिमय माहौल में सराबोर हो जाता है।

भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह 26 फरवरी को
तीन फरवरी को तिलकोत्सव के बाद भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह 26 फरवरी को होगा। इस अवसर पर बाबा बैद्यनाथ का विशेष पूजन किया जाएगा। उन्हें अबीर-गुलाल चढ़ाया जाएगा और मालपुआ का भोग अर्पित किया जाएगा।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
बसंत पंचमी मेले के मद्देनजर देवघर प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। अनुमंडल पदाधिकारी सह बाबा मंदिर प्रभारी रवि कुमार ने बताया कि भीड़ नियंत्रण के लिए बैरिकेडिंग की गई है, जिससे श्रद्धालु कतारबद्ध होकर जलार्पण कर सकें।
बाबा बैद्यनाथ मंदिर सहित अन्य 21 मंदिरों की सफाई और मरम्मत कार्य पूरा कर लिया गया है, ताकि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। बाबा नगरी में श्रद्धा और आस्था का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है, जहां हर ओर भक्ति और उल्लास का माहौल है।