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झारखंड में निकाय चुनाव की तैयारी तेज़, सरकार ने शुरू की नियुक्तियों की प्रक्रिया

झारखंड सरकार राज्य में लंबे समय से लंबित नगर निकाय चुनावों को अब शीघ्र संपन्न कराने की दिशा में सक्रिय हो गई है। शीर्ष स्तर पर इसे लेकर सहमति बन चुकी है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष एवं एक सदस्य की नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा गया है। साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति भी जल्द किए जाने की संभावना है, क्योंकि चुनाव की प्रक्रिया बिना इसके आगे नहीं बढ़ सकती।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अगले सप्ताह तक पिछड़ा वर्ग आयोग में अध्यक्ष एवं एक रिक्त सदस्य की नियुक्ति हो सकती है। इसके तुरंत बाद राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति भी होने की उम्मीद है। इन दोनों आयोगों के पूर्ण गठन के बाद मतदाता सूची तैयार करने, वार्डों के निर्धारण और ईवीएम की व्यवस्था जैसी जरूरी प्रक्रियाएं शुरू हो सकेंगी। इसके साथ ही सरकार की योजना है कि मानसून समाप्त होने और दुर्गा पूजा से पहले चुनाव संपन्न कराए जाएं।

कोर्ट के आदेश से भी बढ़ा दबाव
पूर्व पार्षद रोशनी खलखो की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को चार माह के भीतर चुनाव कराने का निर्देश दिया था। इसके लिए मुख्य सचिव और नगर विकास सचिव ने भी अदालत में उपस्थित होकर आश्वासन दिया था। यह समय सीमा 16 मई को समाप्त हो चुकी है। अब किसी भी दिन इस मामले में सुनवाई हो सकती है, जिससे सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती थीं। इसी कारण सरकार ने पहले ही कदम उठाना शुरू कर दिया है।

1600 करोड़ के अनुदान से वंचित हुआ झारखंड
निकाय चुनाव न होने से झारखंड को अब तक 1600 करोड़ रुपए से अधिक की केंद्रीय राशि नहीं मिल सकी है। हाल ही में राज्य दौरे पर आई 16वें वित्त आयोग की टीम ने स्पष्ट किया था कि चुनाव न होने की स्थिति में यह अनुदान जारी नहीं किया जाएगा। इससे राज्य की कई योजनाएं ठप पड़ी हैं और नई योजनाओं के क्रियान्वयन में भी अड़चनें आ रही हैं।

राज्य सरकार ने निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया अपनाने का निर्णय लिया था। पिछड़ा वर्ग आयोग ने राज्य के सभी 24 जिलों में ट्रिपल टेस्ट का कार्य पूरा कर लिया है। लेकिन रिपोर्ट को अंतिम रूप देने और सरकार को सौंपने के लिए आयोग का पूर्ण गठन जरूरी है। फिलहाल अध्यक्ष पद रिक्त है, और एक सदस्य का पद भी खाली है। दो सदस्य—नंद किशोर मेहता और लक्ष्मण यादव—अभी पदस्थ हैं।

2020 से लंबित हैं निकाय चुनाव
झारखंड के 13 नगर निकायों में वर्ष 2020 से चुनाव नहीं हुए हैं। वहीं, 35 अन्य शहरी निकायों का कार्यकाल भी 2023 के मार्च-अप्रैल में समाप्त हो चुका है। पहले कोविड महामारी, फिर ओबीसी आरक्षण को लेकर कानूनी पेच और ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया में समय बीतता गया। इसके अलावा, हाल में हुए लोकसभा और आगामी विधानसभा चुनावों के चलते भी मामला टलता रहा। अब सरकार के पास चुनाव टालने का कोई स्पष्ट कारण नहीं बचा है।