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श्रावणी मेले की तैयारी अंतिम चरण में, वीआईपी दर्शन पर रोक, अरघा सिस्टम से होगा जलाभिषेक

श्रावणी मेले के सफल आयोजन को लेकर जिला प्रशासन और बाबा बैद्यनाथ मंदिर प्रबंधन समिति ने तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने पंडा धर्म रक्षिणी सभा के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की, जिसमें मेले की व्यवस्थाओं और श्रद्धालुओं की सुविधा पर विस्तृत चर्चा की गई।

श्रावणी मेले में वीआईपी दर्शन नहीं, अरघा से ही होगा जल अर्पण
बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि श्रावणी मेला के दौरान रविवार और सोमवार को वीआईपी अथवा शीघ्र दर्शन कूपन के माध्यम से बाबा दरबार में दर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी। उपायुक्त लकड़ा ने स्पष्ट किया कि पूरे सावन माह में श्रद्धालु केवल अरघा सिस्टम के माध्यम से ही जलाभिषेक कर सकेंगे। भादो मास में स्पर्श दर्शन की अनुमति दी जाएगी या अरघा प्रणाली ही लागू रहेगी, इस पर आगे विचार होगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सावन के महीने में वीवीआईपी पूजा पर रोक रहेगी, जिसकी जानकारी कैबिनेट को दे दी गई है।

पंडा समाज ने दर्शन की संख्या बढ़ाने की मांग रखी
इस बैठक में पंडा धर्म रक्षिणी सभा के अध्यक्ष, महामंत्री और अन्य वरिष्ठ सदस्य शामिल हुए। पंडा समाज ने आग्रह किया कि ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालुओं को एक ही दिन में जलाभिषेक का अवसर मिल सके, इसके लिए दर्शन की संख्या बढ़ाई जाए। इसके साथ ही, सावन और भादो में देवघर पहुंचने वाले वाहनों के लिए पार्किंग की उपयुक्त व्यवस्था पर भी चर्चा हुई।

उपायुक्त ने बताया कि क्यू कॉम्प्लेक्स से मंदिर तक की दूरी और औसत समय का अध्ययन कर यह तय किया जाएगा कि किस तरह अधिक श्रद्धालुओं को सरलता से दर्शन उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रशासन की प्राथमिकता श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुविधाजनक दर्शन देना है।

11 जुलाई से होगा मेला प्रारंभ, तैयारियों को मिल रहा अंतिम रूप
गौरतलब है कि श्रावणी मेला 11 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। राज्य सरकार ने 5 जुलाई तक सभी तैयारियां पूरी करने का निर्देश जारी किया था। उसी के अनुरूप जिला प्रशासन सारी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने में जुटा है।

जिला प्रशासन, मंदिर समिति और पंडा समाज की संयुक्त कोशिशों से इस बार का श्रावणी मेला ज्यादा व्यवस्थित और श्रद्धालु-केन्द्रित बनाने का प्रयास किया जा रहा है। लाखों श्रद्धालुओं की सेवा के लिए प्रशासन पूरी तरह संकल्पित है।