निजी स्कूलों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, अब हर साल नहीं देना होगा संबद्धता शुल्क

झारखंड हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने एक अहम फैसला सुनाते हुए राज्य के निजी स्कूलों को बड़ी राहत दी है। अदालत ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत राज्य सरकार द्वारा बनाए गए उस नियम को अवैध ठहराया, जिसमें निजी स्कूलों से हर वर्ष संबद्धता शुल्क लेने की बात कही गई थी।
अब राज्य के निजी स्कूलों को सालाना आधार पर संबद्धता शुल्क देने की बाध्यता नहीं रहेगी। यह निर्णय निजी स्कूल संचालकों के लिए आर्थिक बोझ को कम करने वाला माना जा रहा है।
हालांकि, अदालत ने स्कूल संचालन के लिए भूमि संबंधी राज्य सरकार के नियम को वैध ठहराया है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल खोलने के लिए न्यूनतम 60 डिसमिल और शहरी इलाकों में 40 डिसमिल जमीन होना अनिवार्य रहेगा। यह फैसला निजी शिक्षा क्षेत्र के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है, वहीं सरकार के भूमि मापदंडों को अदालत की स्वीकृति भी मिली है।
