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झारखंड के निजी विद्यालयों की समस्याओं को लेकर पब्लिक स्कूल्स एण्ड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक, 2019 के संशोधन को रद्द करने की उठी मांग

आज दिनांक 2 जनवरी 2025 को पब्लिक स्कूल्स एण्ड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन (पासवा) की चतरा शाखा द्वारा जिला स्तरीय बैठक दिव्या ज्योति मॉडर्न पब्लिक स्कूल, चतरा में आयोजित की गई। इस बैठक में चतरा जिले के सभी 12 प्रखंडों के तीन सौ से अधिक निजी विद्यालयों के संचालक तथा पासवा के जिला और प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक में झारखंड के निजी विद्यालयों के संचालकों को हो रही समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई।

बैठक में ऑनलाइन संबोधित करते हुए पासवा के संरक्षक और झारखंड के पूर्व वित्त मंत्री तथा वर्तमान लोहरदगा विधायक, डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि झारखंड के निजी विद्यालयों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। वे शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव से व्यक्तिगत रूप से मिलकर, निजी विद्यालयों को हो रही समस्याओं से अवगत कराएंगे और मान्यता संबंधी आवेदनों को निरस्त करने के मामले में कदम उठाएंगे।

पब्लिक स्कूल्स एण्ड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन

पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा कि 2019 के संशोधन को रद्द किए बिना झारखंड के निजी विद्यालय ऑनलाइन मान्यता के लिए आवेदन नहीं करेंगे, और यदि सरकार चाहे तो विद्यालयों को बंद कर सकती है।

पासवा के प्रदेश महासचिव नीरज कुमार ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मान्यता से संबंधित मामले पर उच्च न्यायालय ने पहले ही 21 अक्टूबर 2019 को स्टे ऑर्डर जारी किया था और 23 जुलाई 2024 को फिर से आदेश जारी किया था कि निजी विद्यालयों के खिलाफ कोई भी पीड़ादायक कार्रवाई नहीं की जाए। इसके बावजूद, केंद्र सरकार के आदेश के माध्यम से झारखंड में गैर मान्यता प्राप्त यू डाइस वाले विद्यालयों को पुनः मान्यता संबंधी फॉर्म भरने को विवश किया जा रहा है, जो कि उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है।

पासवा के चतरा जिला अध्यक्ष प्रवीण प्रकाश सिंह ने बताया कि 2009 के आरटीई एक्ट में पिछले सरकार ने 2019 में ऐसे कठिन संशोधन लागू किए, जैसे जमीन की बाध्यता और कमरे की साइज की शर्तें, जिनका पालन किसी भी निजी विद्यालय के लिए संभव नहीं है।

पब्लिक स्कूल्स एण्ड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन

पासवा के चतरा जिला महासचिव बच्चन पांडे ने कहा कि 2019 का संशोधन केवल झारखंड में लागू है, जबकि अन्य राज्यों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। इसे तत्काल रद्द किया जाना चाहिए।

पासवा के जिला सचिव आदित्य कुमार गुप्ता ने बताया कि 2019 का संशोधन केवल झारखंड के निजी विद्यालयों पर लागू होता है, जबकि झारखंड के सरकारी विद्यालयों पर यह लागू नहीं है। एक ही राज्य में अलग-अलग कानून नहीं हो सकते। यह मामला उच्च न्यायालय में लंबित है, जहां स्टे ऑर्डर जारी है।

पब्लिक स्कूल्स एण्ड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन

दिव्या ज्योति मॉडर्न पब्लिक स्कूल के प्राचार्य और पासवा के जिला सलाहकार छोटू कुमार साव ने कहा कि 2019 के संशोधन को रद्द किए बिना झारखंड सरकार द्वारा मान्यता के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया लागू करने के आदेश से झारखंड के हजारों गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय बंद हो जाएंगे।

पासवा के जिला उपाध्यक्ष पप्पू कुमार गौतम ने बताया कि यदि यह प्रक्रिया लागू की जाती है तो 10 लाख से अधिक शिक्षक और 15 लाख से ज्यादा लोग रोजगार खो देंगे, जिससे झारखंड के लाखों दलित, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के बच्चों की शिक्षा प्रभावित होगी।