रेलवे की सौगात बनी सिरदर्द, करोड़ों की लगात से निर्मित रेलवे अंडरपास बना स्विमिंग पूल

धनबाद रेल मंडल द्वारा मोहलीडीह पंचायत में करोड़ों रुपये की लागत से बनाए गए रेलवे अंडरपास ने अब लोगों की परेशानियों को और बढ़ा दिया है। जिस पुल से लोगों को रेल क्रॉसिंग की झंझट से राहत मिलनी थी, वह अब खुद एक मुसीबत बन चुका है। बारिश होते ही अंडरपास में करीब पांच फीट पानी जमा हो जाता है और कोई निकासी व्यवस्था न होने के कारण यह जगह एक गहरे तालाब का रूप ले लेती है।
स्थिति यह है कि गलती से कोई बच्चा उस ओर चला जाए तो उसकी जान भी खतरे में पड़ सकती है। फिलहाल अंडरपास को बंद कर दिया गया है और न तो पैदल चलने वालों की आवाजाही संभव है और न ही वाहन गुजर पा रहे हैं।
स्थानीय लोग अब इस अंडरपास के जलजमाव पर तंज कसते हुए पानी में नहाकर रेलवे प्रशासन पर व्यंग्य कर रहे हैं। कुछ युवकों ने तो डीआरएम को भी आमंत्रण दे डाला कि आइए, इस 'रेलवे नदी' में एक डुबकी लगाइए और आनंद लीजिए।

लोगों को डर है कि यदि भविष्य में मोहलीडीह की 5 नंबर रेलवे क्रॉसिंग को स्थायी रूप से बंद कर दिया गया, तो यह जलजमाव 5000 लोगों की राह को और मुश्किल बना देगा। उन्हें मजबूरी में लंबा रास्ता तय करना पड़ेगा।
स्थानीय लोगों का कहना है कि रेलवे की यह सौगात अब उनके लिए एक अभिशाप बन गई है। पुल बनाते समय जलनिकासी की व्यवस्था का कोई ध्यान नहीं रखा गया। अब जब भी बारिश होती है, यह अंडरपास तालाब में बदल जाता है। लोगों ने डीआरएम से मांग की है कि जल्द से जल्द जलनिकासी की ठोस व्यवस्था की जाए, ताकि यह पुल अपने उद्देश्य को पूरा कर सके।