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Ranchi: फिर खुला टॉफी व टी-शर्ट घोटाला का जिन्न, पूर्व सीएम रघुवर दास की बढ़ सकती है मुश्किलें

ACB ने पूर्व डीसी सहित 3 लोगों के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी

झारखंड में हुए टीशर्ट-टॉफी घोटाले मामले में एक बार फिर पूर्व सीएम रघुवर दास की मुश्किलें बढ़ सकती है। दरअसल झारखंड स्थापना दिवस समारोह 2016 के अवसर पर टॉफी व टी-शर्ट खरीद में हुई गड़बड़ी मामले को लेकर ACB ने रांची के पूर्व डीसी मनोज कुमार सहित तीन लोगों के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी है। वहीं तीन लोगों में पूर्व डीसी मनोज कुमार, रतन श्रीवास्तव और सौरभ कुमार शामिल है। गौरतलब है कि वर्ष 2016 में राज्य के स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में सरकार ने पांच लाख बच्चों को टी-शर्ट और टॉफी देने का फैसला किया था। इसके तहत 6.97 करोड़ की लागत से टी-शर्ट और टॉफी खरीदने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद सरकार ने लुधियाना की कुडू फैब्रिक्स को 100 रुपये की दर से पांच लाख टी-शर्ट और जमशेदपुर की लता इंटरप्राइजेज को टॉफी देने को कहा था। बाद में टी-शर्ट और टॉफी खरीद में अनियमितता सामने आई। इसके बाद सरकार ने एसीबी को इस मामले की जांच का आदेश दिया।

 सबसे पहले शिकायत सरयू राय ने की थी

एसीबी ने जांच शुरू की तो रांची के तत्कालीन डीसी मनोज कुमार, जेइपीसी के तत्कालीन नोडल अफसर रतन श्रीवास्तव और सौरभ कुमार की संलिप्तता पायी गयी। एसीबी को जांच में पता चला कि रतन श्रीवास्तव ने 1000 बैग टॉफी रिसिव किया। हर बैग में टॉफी के 500-500 पैकेट थे। 13 नवंबर को टॉफी के 100 बैग और 14 नवंबर को 900 बैग टॉफी रिसिव किया। टी-शर्ट लुधियाना से रांची के लिए भेजे जाने से पहले ही दिखाया गया कि टीशर्ट बांट दिया गया है। इसके साथ ही किसी ने गुणवत्ता की जांच भी नहीं की। इस स्थिति को देखते हुए एसीबी ने संशोधित पीसी एक्ट की धारा 17(A) (1)(b) के तहत सरकार से के खिलाफ जांच करने की अनुमति मांगी है।  घोटाले की शिकायत विधायक सरयू राय ने एसीबी से की थी। जून-2021 में विधायक सरयू राय की शिकायत पर एसीबी ने झारखंड सरकार से अनुसंधान के लिए अनुमति मांगी थी, जिसपर विचार के बाद तीन फरवरी 2022 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस अनुसंधान के लिए मंजूरी दी थी।