Movie prime

विचाराधीन कैदियों को राहत, गृह मंत्रालय ने बीएनएसएस की धारा 479 के पालन का दिया निर्देश, जानें

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 की धारा 479 का पालन सुनिश्चित करें। इस पहल का उद्देश्य जेलों में विचाराधीन कैदियों की संख्या को कम करना है, जो मुकदमे का इंतजार करते हुए लंबे समय तक जेलों में बंद रहते हैं।

गृह मंत्रालय ने दिया स्पष्ट निर्देश
1 जनवरी को गृह मंत्रालय ने राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों और जेल प्रशासन को एक पत्र भेजा। इसमें यह कहा गया कि बीएनएसएस की धारा 479 के तहत उन विचाराधीन कैदियों को रिहा किया जा सकता है जिन्होंने अपनी संभावित सजा का एक हिस्सा जेल में पूरा कर लिया है।

इस प्रावधान के तहत पहली बार अपराध करने वाले विचाराधीन कैदियों को, यदि उन्होंने अपनी संभावित अधिकतम सजा का एक तिहाई हिस्सा काट लिया हो, तो जमानत पर रिहा किया जा सकता है। इसके अलावा अन्य विचाराधीन कैदी, जिन्होंने अपनी संभावित अधिकतम सजा का आधा हिस्सा पूरा कर लिया है, वे भी जमानत के पात्र माने जाएंगे।

भीड़भाड़ कम करने की दिशा में कदम
गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि बीएनएसएस की धारा 479 का क्रियान्वयन न केवल विचाराधीन कैदियों की लंबी हिरासत को कम करेगा, बल्कि जेलों में बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने में भी मददगार साबित होगा। मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह किया है कि वे इस दिशा में सक्रियता दिखाएं और आवश्यक कदम उठाकर गृह मंत्रालय को प्रगति रिपोर्ट भेजें।