अपराध जांच में दक्षता और समन्वय बढ़ाने की दिशा में संथाल परगना की पहल, तीन दिवसीय पुलिस ड्यूटी मीट का शुभारंभ

संथाल परगना प्रमंडल में तीन दिवसीय 69वीं पुलिस ड्यूटी मीट का शुभारंभ पुलिस केंद्र सभागार में हुआ। इस आयोजन का उद्घाटन दुमका क्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक अंबर लकड़ा, पुलिस अधीक्षक निधि द्विवेदी और उपायुक्त मनीष कुमार ने संयुक्त रूप से किया। इस प्रशिक्षण शिविर में प्रमंडल के सभी छह जिलों—दुमका, देवघर, पाकुड़, साहिबगंज, जामताड़ा और गोड्डा—के पुलिस निरीक्षक व इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारी बतौर प्रतिभागी शामिल हुए हैं।
ड्यूटी मीट में 12 टीमों के माध्यम से पुलिसकर्मियों को सेवा के दौरान आने वाली जमीनी चुनौतियों से निपटने की व्यावहारिक और तकनीकी विधियां सिखाई जा रही हैं। रांची से पहुंचे विशेषज्ञ प्रशिक्षक पुलिसिंग को वैज्ञानिक व प्रभावी बनाने के उपायों की जानकारी दे रहे हैं ताकि जांच को सटीक दिशा मिले और अपराधियों को समय पर सजा सुनिश्चित की जा सके।

पहले दिन के सत्रों में अधिकारियों को फोरेंसिक साइंस, अपराध जांच, साइबर विश्लेषण, फिंगरप्रिंट तकनीक, अपराध स्थल फोटोग्राफी और डॉग स्क्वायड संचालन से जुड़ी जानकारी दी गई। सभी विषयों को केस स्टडी आधारित प्रशिक्षण के ज़रिए समझाया गया, जिससे अधिकारियों को वास्तविक परिस्थितियों में बेहतर निर्णय लेने की क्षमता प्राप्त हो।
19 जून को विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी, जिनमें विजेता टीम को राज्य स्तर पर संथाल परगना का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलेगा। 20 जून को समापन समारोह में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाएगा।
प्रशिक्षण दे रहे विशेषज्ञों में शामिल हैं: फिंगरप्रिंट ब्यूरो से सहायक निरीक्षक संतोष सुधाकर, फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के डॉ. चित्तोश पाल, आईटीएस विभाग के पुलिस निरीक्षक असित मोदी, फोटो ब्यूरो के दिलीप कुमार महतो और डॉग स्क्वायड के एतवा उरांव।
इस अवसर पर एसपी निधि द्विवेदी ने कहा कि यह पुलिस मीट जांच प्रक्रिया को गति देने के साथ-साथ अधिकारियों की दक्षता बढ़ाने में मददगार होगी। वहीं डीआईजी अंबर लकड़ा ने इसे ठोस साक्ष्य एकत्र करने और अपराध अनुसंधान की गुणवत्ता बढ़ाने का उपयुक्त मंच बताया।