श्रावणी मेला 2025 : कांवरियों की भीड़ से गुलजार हुआ देवघर, प्रशासन ने कड़ी धूप में किए विशेष इंतज़ाम
श्रावण मास के पावन अवसर पर देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम में आस्था का सागर उमड़ पड़ा है। हर दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए यहां पहुंच रहे हैं। तपती धूप और उमस भरे मौसम के बावजूद कांवरियों की आस्था में कोई कमी नहीं दिख रही। सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर भक्तजन लगातार पदयात्रा करते हुए देवघर पहुंच रहे हैं।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने व्यापक स्तर पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं। कांवरियों की सुविधा के लिए शीतल पेयजल, चिकित्सा शिविर, विश्राम स्थल और साफ-सफाई जैसी मूलभूत सेवाओं को प्राथमिकता दी गई है। शुक्रवार की सुबह से ही 'बोल बम' के जयकारों के साथ श्रद्धालु मंदिर में जल चढ़ाने के लिए कतार में नजर आए।
गुरुवार शाम तक के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार करीब 2.25 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा बैद्यनाथ के ज्योतिर्लिंग पर जलार्पण किया। शुक्रवार की शुरुआत तेज धूप के साथ हुई, मगर दिन चढ़ते-चढ़ते मौसम थोड़ा नरम पड़ा, जिससे कांवरियों को कुछ राहत महसूस हुई।
गर्मी से बचाव के लिए विशेष इंतज़ाम
तेज धूप और गर्म हवाओं को देखते हुए प्रशासन ने कांवरियों के लिए विशेष तौर पर 11 मिस्ट कूलिंग सिस्टम और इंद्रवर्षा व्यवस्था का प्रबंध किया है। कांवरिया पथ पर विभिन्न स्थानों पर जल मित्रों की नियुक्ति की गई है, जो लगातार कांवरियों को पानी उपलब्ध करवा रहे हैं। नगर निगम और प्रशासनिक टीमों द्वारा जगह-जगह प्याऊ और ठंडे पानी के टैंकर भी लगाए गए हैं।
श्रावणी मेले की शुरुआत से लेकर अब तक देवघर में करीब 25 लाख श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। प्रतिदिन 1.5 से 2 लाख श्रद्धालु देवघर आ रहे हैं, जिससे मंदिर प्रांगण और पूरे शहर में आस्था का अनोखा माहौल बना हुआ है।
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए पूरे शहर और कांवरिया पथ पर हजारों की संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। साथ ही अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को भी रांची से बुलाया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके और कानून-व्यवस्था कायम रखी जा सके।
श्रावणी मेले का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है। मान्यता है कि सावन में भगवान शिव को जल चढ़ाने से सभी कष्ट दूर होते हैं और भक्तों की हर इच्छा पूर्ण होती है। यही वजह है कि देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु बाबा बैद्यनाथ की शरण में पहुंचते हैं।







