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सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला: मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी को ED द्वारा जुटाये गये जांच के दस्तावेज पाने का अधिकार

मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में आरोपित व्यक्तियों को एक बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच के दौरान एकत्र किये गए सभी दस्तावेजों की प्रतियां पाने का कानूनी अधिकार है—चाहे वे दस्तावेज एजेंसी के लिए विश्वसनीय माने गए हों या नहीं। यह निर्णय सरला गुप्ता बनाम ईडी मामले की सुनवाई के दौरान सामने आया, जिसमें न्यायमूर्ति अभय एस. ओका, न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति ए.जी. मसीह की पीठ ने एकमत से यह राय दी।

सरला गुप्ता ने ट्रायल कोर्ट में याचिका दाखिल कर ईडी द्वारा जुटाये गए उन दस्तावेजों की मांग की थी, जिन्हें एजेंसी ने जांच में शामिल जरूर किया था, लेकिन उन पर भरोसा नहीं जताया था। ट्रायल कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद सरला ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां भी उन्हें राहत नहीं मिली।

आखिरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची सरला गुप्ता को शीर्ष अदालत ने राहत देते हुए कहा कि अभियुक्त को निष्पक्ष बचाव का अधिकार है और उसके लिए जरूरी है कि उसे जांच से जुड़े सभी दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएं—भले ही ईडी ने उन्हें “गैर-प्रासंगिक” या “अविश्वसनीय” माना हो। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे दस्तावेजों की मांग आरोपी जमानत याचिका की सुनवाई के समय भी कर सकता है।