DGP के कार्यकाल पर सस्पेंस बरकरार, बाबूलाल मरांडी ने राज्यपाल से की शिकायत

झारखंड में डीजीपी अनुराग गुप्ता के कार्यकाल को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। केंद्र सरकार द्वारा उनके कार्यकाल को विस्तार देने की सिफारिश खारिज किए जाने के बाद मामला और ज्यादा तूल पकड़ गया है। इसी मुद्दे को लेकर झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोमवार, 6 मई को राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से मुलाकात की।
राजभवन में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए मरांडी ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और डीजीपी के पद को लेकर राज्य सरकार की भूमिका पर नाराज़गी जताई। उन्होंने राज्यपाल से अनुरोध किया कि इस पूरे मसले में राज्य सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएं।

मीडिया से बात करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अनुराग गुप्ता का कार्यकाल 30 अप्रैल को समाप्त हो चुका है, और केंद्र सरकार ने उनके कार्यकाल विस्तार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इसके बावजूद गुप्ता अब भी डीजीपी पद पर बने हुए हैं, बैठकें कर रहे हैं और निर्णय ले रहे हैं, जो नियमों के खिलाफ है।
क्या है पूरा मामला?
डीजीपी अनुराग गुप्ता को लेकर हेमंत सरकार और केंद्र के बीच खींचतान जारी है। राज्य सरकार ने अपनी नई सेवा नियमावली के तहत उनके कार्यकाल में वृद्धि की अनुशंसा की थी, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे अस्वीकार कर दिया और 30 अप्रैल को ही उनका अंतिम कार्यदिवस मान लिया।
राज्य सरकार ने इस निर्णय पर पुनर्विचार के लिए फिर से केंद्र को पत्र लिखा, लेकिन केंद्र ने दूसरी बार भी उनकी सिफारिश को नामंजूर कर दिया। इसी बीच अनुराग गुप्ता के खिलाफ एक याचिका झारखंड हाईकोर्ट में लंबित है, जिसकी सुनवाई जल्द ही होने वाली है।
स्थिति अभी भी असमंजस भरी है, और बीजेपी लगातार राज्य सरकार पर नए डीजीपी की नियुक्ति को लेकर दबाव बना रही है। मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है और आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गरमा सकता है।