तेतुलिया वन भूमि घोटाला: अग्रवाल बंधुओं की अग्रिम जमानत याचिका पर इस दिन होगी अगली सुनवाई
बोकारो जिले के तेतुलिया मौजा स्थित लगभग 100 एकड़ वन भूमि की अवैध रूप से खरीद-बिक्री के मामले में आरोपी राजवीर कंस्ट्रक्शन के निदेशक वीर अग्रवाल और विमल अग्रवाल की अग्रिम जमानत याचिका पर सीआईडी की विशेष अदालत में गुरुवार को सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीआईडी को निर्देश दिया कि वह मामले की केस डायरी कोर्ट में प्रस्तुत करे। अब इस याचिका पर अगली सुनवाई 19 जुलाई को निर्धारित की गई है। इस प्रकरण के एक अन्य अभियुक्त पुनीत अग्रवाल को सीआईडी ने बीते सोमवार को गिरफ्तार कर लिया था।
पुनीत अग्रवाल पर आरोप है कि राजवीर कंस्ट्रक्शन के जरिए तेतुलिया की वन भूमि को उमायुष कंपनी को तीन करोड़ चालीस लाख रुपये में बेचने की डील की गई थी। उनके गिरफ्तार होने के बाद वीर और विमल अग्रवाल पर भी गिरफ्तारी की आशंका बढ़ गई है। उनपर आरोप है कि इन्होंने कीमती वन भूमि पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन को हड़पने और बेचने की साजिश रची।
बताया जा रहा है कि बोकारो के तेतुलिया क्षेत्र में स्थित इस 100 एकड़ से ज्यादा वन भूमि को नकली कागजात के आधार पर बेचा गया। इस पूरे मामले में भू-माफियाओं के साथ अंचल कार्यालय के कुछ कर्मचारी और बोकारो स्टील प्लांट के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आ रही है। उल्लेखनीय है कि यह वही जमीन है जिसे बोकारो स्टील प्लांट ने वन विभाग को लौटाया था।
झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता के आदेश पर इस जमीन घोटाले की जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंपा गया है। सीआईडी ने बोकारो के सेक्टर 12 थाने में दर्ज कांड संख्या 32/2024 को अपने हाथ में लेकर जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है।







