अगस्त की पहली तारीख से शुरू होगा झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र, पांच मंत्रियों को सौंपी गई विशेष जिम्मेदारियां
Jul 23, 2025, 12:29 IST
षष्ठम झारखंड विधानसभा का पहला मानसून सत्र आगामी 1 अगस्त से प्रारंभ होने जा रहा है, जो कुल पांच कार्यदिवसों तक चलेगा और 7 अगस्त को समाप्त होगा। सत्र के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा देखे जा रहे विभागों से संबंधित प्रश्नों के उत्तर देने और विभिन्न विधायी कार्यों के निपटारे के लिए पांच मंत्रियों को अधिकृत किया गया है। इस संबंध में मंत्रिमंडल, सचिवालय एवं निगरानी विभाग की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है। ये सभी मंत्री झारखंड मुक्ति मोर्चा कोटे से हैं।
किस मंत्री को कौन-सा दायित्व मिला?
- दीपक बिरुआ को कार्मिक, प्रशासनिक सुधार, राजभाषा, मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी (संसदीय कार्य को छोड़कर) और मंत्रिमंडल निर्वाचन विभाग की जिम्मेदारी दी गई है।
- चमरा लिंडा को उनके वर्तमान विभागों के अतिरिक्त महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग से जुड़े प्रश्नों का उत्तर देने का दायित्व सौंपा गया है।
- रामदास सोरेन को विधि विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, और सूचना प्रौद्योगिकी व ई-गवर्नेंस विभाग के प्रश्नों का उत्तर देने हेतु अधिकृत किया गया है।
- योगेंद्र प्रसाद को गृह विभाग (आपदा प्रबंधन को छोड़कर), ऊर्जा और खान एवं भू-तत्व विभागों के लिए प्राधिकृत किया गया है।
- संदिव्य कुमार सोनू को पथ निर्माण, भवन निर्माण और वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग से जुड़े काम देखने की जिम्मेदारी मिली है।
मानसून सत्र की कार्ययोजना
इस बार के सत्र में कुल पांच कार्यदिवस निर्धारित किए गए हैं।
- 1 अगस्त (शुक्रवार) को राज्यपाल द्वारा जारी अध्यादेशों की प्रमाणित प्रतियों को सदन में प्रस्तुत किया जाएगा। इसके पश्चात शोक संदेश के बाद कार्यवाही स्थगित कर दी जाएगी।
- 2 और 3 अगस्त को विधानसभा की कार्यवाही नहीं होगी।
- 4 अगस्त (सोमवार) को प्रश्नकाल के साथ सत्र की कार्यवाही फिर से शुरू होगी और वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट सदन में रखा जाएगा।
- 5 अगस्त (मंगलवार) को बजट पर सामान्य चर्चा और मतदान होगा।
- 6 अगस्त (बुधवार) को राजकीय विधेयकों और अन्य सरकारी कार्यों का निपटारा किया जाएगा।
- 7 अगस्त (गुरुवार) को प्रश्नकाल, विधेयकों पर चर्चा और गैर सरकारी संकल्पों पर संबंधित मंत्रियों द्वारा जवाब दिया जाएगा। यह सत्र का अंतिम दिन होगा।
यह मानसून सत्र सरकार के लिए नीतिगत और वित्तीय निर्णयों को मूर्त रूप देने के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।






