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विपक्षी नेताओं को फंसाने का षड़यंत्र किया जा रहा है : सोनल शांति

देश में लोकतंत्र और जनता के विश्वास को उच्चतम न्यायालय के फैसले ने हीं बचा कर रखा है नहीं तो सत्ता और संवैधानिक एजेंसीयों के दुरुपयोग का ऐसा नायाब उदाहरण शायद ही देखने को मिलता।

उक्त बयान जारी करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनल शांति ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले से 'आप' सांसद संजय सिंह को जमानत मिलने से यह साबित हो गया कि झूठी बुनियाद पर मुकदमे तैयार कर विपक्षी नेताओं को फंसाने का षडयंत्र पूरे देश में रचा गया और अपने इस एजेंडा को पूरा करने में मोदी सरकार के तंत्रों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। झारखंड में भी पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ भी ऐसी ही कार्रवाई की गई है। भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को राष्ट्रीय स्तर का संरक्षण प्रदान करने वाले भाजपा के नेताओं को भ्रष्टाचार के विरुद्ध बोलने का कोई हक नहीं। बीजेपी में शामिल होने वाले ऐसे लोग जिन्हें भाजपा भ्रष्टाचार का सिंबल बताती रही, उन्हें भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी सहित सभी नेता स्वच्छता का प्रमाण पत्र बांटते फिर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा पतंजलि के खिलाफ टिप्पणी और फटकार लगाने से यह साबित हो गया कि बाबा रामदेव ने कोरोना काल में देश के कोरोना मरीज और आम जनता को अंधेरे में रखकर अपनी दवा के जरिए और अरब रुपयों का मुनाफा कमाया और इसमें उनका साथ देश के केंद्रीय मंत्रीयों ने भी दिया। आखिर जिस दवा को किसी एजेंसी ने सर्टिफाइड नहीं किया था . उसे दवा को प्रमोट करने के पीछे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की क्या मनसा थी। अगर सही से जांच हो तो सरकार के भ्रष्टाचार की नई परत खुलकर सामने आएगी। आखिर ऐसे ही लोगों के सहयोग से मोदी सरकार पार्ट 2 सत्ता में आई थी और अपने व्यावसायिक फायदे के लिए बाबा रामदेव ने सरकार का पूर्ण सहयोग प्राप्त किया संभवत भाजपा नेताओं को भी उपकृत किया होगा इसलिए इस पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए।