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हूल क्रांति दिवस पर सिद्धू-कान्हू को श्रद्धांजलि, राजेश ठाकुर ने कहा – अन्याय के खिलाफ संघर्ष की प्रेरणा है हूल

हूल क्रांति दिवस के अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने रांची स्थित सिद्धू-कान्हू पार्क में संथाल हूल के वीर नायकों सिद्धू-कान्हू की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए राजेश ठाकुर ने कहा कि झारखंड के महान सपूत सिद्धू-कान्हू और चांद-भैरव ने लगभग 150 वर्ष पहले अंग्रेजों के अत्याचार और शोषण के खिलाफ आवाज उठाई थी। उन्होंने स्वाभिमान और आत्मसम्मान के लिए संघर्ष का बिगुल फूंका और यह आंदोलन 1857 की क्रांति से पहले देश के स्वतंत्रता संग्राम की मजबूत नींव बनकर उभरा। हूल विद्रोह झारखंड की माटी से शुरू हुआ एक ऐसा संगठित आंदोलन था, जिसमें संथाल समाज ने पूरे जोश के साथ भाग लिया और बलिदान के लिए तैयार हो गया।
राजेश ठाकुर ने कहा कि हूल दिवस हमें यह सिखाता है कि अन्याय के खिलाफ चुप रहना अपराध है। हमें सिद्धू-कान्हू के विचारों को आत्मसात करते हुए उनके सपनों का झारखंड और देश बनाने के लिए सतत प्रयास करते रहना चाहिए।
इस मौके पर कृषि विपणन पर्षद के अध्यक्ष रविंद्र सिंह और प्रदेश कांग्रेस के महासचिव अमूल्य नीरज खलको ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की और सिद्धू-कान्हू के दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प दोहराया।