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जनप्रतिनिधियों की अनदेखी पर भड़के केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखा पत्र

रांची में योजनाओं के क्रियान्वयन और शिलान्यास कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज किए जाने पर रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने गहरी नाराजगी जाहिर की है। इस संबंध में उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों के रवैये को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

संजय सेठ ने पत्र में उल्लेख किया है कि कांके प्रखंड के सुकुरहुट्टू स्थित बरवाटांड़ से रिंग रोड तक सड़क निर्माण की स्वीकृति उनकी अनुशंसा पर RRDA द्वारा दी गई थी। उन्होंने अपने क्षेत्रीय दौरे के दौरान ग्रामीणों से इस सड़क के शीघ्र निर्माण का वादा भी किया था। लेकिन उन्हें इस बात का गहरा क्षोभ है कि इस सड़क का शिलान्यास उनकी गैरमौजूदगी में कर दिया गया और न तो उन्हें और न ही उनके कार्यालय को इस आयोजन की पूर्व सूचना दी गई।

उन्होंने यह भी कहा कि भले ही शिलापट्ट पर उनका नाम दर्ज है, परंतु जब उन्हें आमंत्रित ही नहीं किया गया, तो यह जनप्रतिनिधि के सम्मान के साथ खिलवाड़ है। संजय सेठ ने अपने पत्र में याद दिलाया कि उन्होंने पूर्व में दिशा समिति की बैठकों में यह स्पष्ट निर्देश दिए थे कि किसी भी योजना के उद्घाटन या शिलान्यास में सभी जनप्रतिनिधियों को सूचना दी जानी चाहिए। इसके बावजूद प्रशासनिक अमला इसे गंभीरता से नहीं ले रहा।

अपने पत्र के अंत में संजय सेठ ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे राज्य के सभी अधिकारियों को यह निर्देश दें कि भविष्य में इस प्रकार की उपेक्षा न हो और हर जनप्रतिनिधि को योजनाओं में उसकी भूमिका निभाने का अवसर मिले। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र विधायिका और कार्यपालिका के संतुलन से चलता है, और यदि जनप्रतिनिधियों को दरकिनार किया गया, तो यह सीधे-सीधे लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन है।