Movie prime

शिक्षा के अधिकार की रक्षा को लेकर जोरदाग में अनिश्चितकालीन धरना, विकास महतो ने दिया आंदोलन को समर्थन

रविवार, 22 जून को हजारीबाग जिले के केरेड़ारी प्रखंड स्थित जोरदाग मध्य विद्यालय के स्थानांतरण के विरोध में चल रहे अनिश्चितकालीन धरना को युवा समाजसेवी विकास महतो ने अपना समर्थन दिया। वे अपने साथियों के साथ धरना स्थल पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा हर बच्चे का मूलभूत अधिकार है, जिसे किसी भी परिस्थिति में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

विकास महतो ने NTPC की खनन परियोजना में शामिल MDO कंपनी 'रित्विक' पर सवाल उठाते हुए कहा कि खनन से पहले अगर विद्यालय को तोड़ा जाना जरूरी है, तो स्थानांतरण से पहले वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने मांग की कि नए स्थान पर विद्यालय भवन के साथ-साथ खेल मैदान, पुस्तकालय, शौचालय, पीने का पानी, बाउंड्री और बच्चों के आने-जाने के लिए वाहन जैसी आवश्यक सुविधाएं पहले पूरी की जाएं।

उन्होंने स्पष्ट किया कि पूर्व में कई स्थानों पर बिना पूर्व तैयारी के विद्यालयों को तोड़ दिया गया, जिससे वर्षों तक वहां शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक नया विद्यालय पूरी तरह तैयार नहीं हो जाता, जोरदाग विद्यालय को किसी भी कीमत पर नहीं तोड़ा जाएगा।

साथ ही उन्होंने खनन कंपनी से मांग की कि विद्यालय के एक किलोमीटर के दायरे में कोई भी खनन या ब्लास्टिंग जैसी गतिविधियां न की जाएं, जिससे बच्चों की पढ़ाई और सुरक्षा पर असर न पड़े।

विकास महतो ने स्थानीय प्रशासन को भी चेताया कि वे आंदोलनकारी युवाओं को धमकाने या डराने की बजाय, जनता की आवाज को सुनें और समर्थन करें, क्योंकि उनका दायित्व कंपनी के प्रति नहीं, जनता के प्रति है।

उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड में जानबूझकर शिक्षा और कृषि को उपेक्षित किया जा रहा है, ताकि लोगों को अपने अधिकारों से अनभिज्ञ रखा जा सके और जल-जंगल-जमीन की लूट का कोई विरोध न हो। खेती को नुकसान पहुंचाकर लोगों को जमीन बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जिससे मुनाफा कमाने वाली कंपनियां खुलेआम खनन कर सकें।

विकास महतो ने कहा कि जब तक शिक्षा विभाग, खनन कंपनी और ग्रामीणों के बीच सहमति नहीं बन जाती और स्थानांतरण की स्पष्ट व्यवस्था नहीं होती, धरना आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने दोहराया कि कोयला खनन के नाम पर बच्चों की शिक्षा में रुकावट डालना संविधान प्रदत्त अधिकारों का हनन है, जिसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।

इस मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण आंदोलन स्थल पर जुटे। प्रमुख रूप से जय नारायण महतो, प्रमोद साव, मनु महतो, भवानी महतो, उज्ज्वल साव, राजकुमार, प्रदीप महतो, मोनू कुमार, हीरामन महतो, पंकज महतो, सिकंदर मुंडा, संतोष महतो, वर्षा रानी समेत हजारों लोग उपस्थित रहे और एकजुटता दिखाई।