हिंडाल्को के भूमि अधिग्रहण के खिलाफ ग्रामीणों का संघर्ष जारी, ठंड में धरनास्थल बना आसरा
लातेहार के चंदवा प्रखंड के चकला गांव में हिंडाल्को कंपनी द्वारा जमीन अधिग्रहण के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। दूसरे दिन बुधवार को भी दर्जनों ग्रामीण, जिनमें महिलाएं और पुरुष शामिल हैं, समाहरणालय गेट के पास अनिश्चितकालीन धरने पर डटे रहे। मंगलवार से शुरू हुए इस आंदोलन में ठंड के बावजूद ग्रामीण धरनास्थल पर ही रात बिताने को मजबूर हैं।
धरने पर बैठीं महिलाओं ने नाराजगी जताते हुए कहा कि डीसी की गाड़ी इसी रास्ते से गुजरी, लेकिन हमारी समस्याओं को अनदेखा किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी के अधिकारी पंकज सिन्हा जिला प्रशासन के साथ मिलीभगत कर रहे हैं। महिलाओं ने बताया कि कई बार डीसी को आवेदन देकर मामले का समाधान करने की गुहार लगाई गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उल्टा, कंपनी के लोग ग्रामीणों को धमकी देने से भी पीछे नहीं हट रहे।
न्याय के लिए ग्रामीणों की मांग
धरना स्थल पर मौजूद सरस्वती देवी ने कहा कि चकला गांव के सभी ग्रामीणों को उचित मुआवजा देकर पूरी तरह विस्थापित किया जाए। उन्होंने फर्जी ग्रामसभा को अवैध घोषित कर ग्रामीणों की उपस्थिति में नए सिरे से ग्रामसभा आयोजित करने की मांग की। विरोध प्रदर्शन में सुल्ताना परवीन, बिंदू देवी, सरस्वती देवी, नाजमी बीबी, शोभा देवी, जहीदा देवी, मनीषा देवी, सकीना खातून, और शाहिदा बीबी समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
कंपनी का पक्ष स्पष्ट नहीं
धरना स्थल पर हिंडाल्को कंपनी के अधिकारी पंकज सिन्हा ने कहा कि इस मुद्दे पर कंपनी के मीडिया प्रभारी राजीव किशोर से बात की जाए। हालांकि, उनसे संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन बात नहीं हो सकी। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। इस ठंड में उनकी दृढ़ता सरकार और प्रशासन के लिए चुनौती बनती दिख रही है।