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हाथरस सत्संग में भगदड़, 122 की मौत, 150 से अधिक घायल

उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से 122 लोगों की मौत हो गई और 150 से अधिक घायल हो गए। कई घायलों की हालत गंभीर है और मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। हादसे के बाद का दृश्य बेहद भयावह है। अस्पतालों के बाहर शव जमीन पर बिखरे हुए हैं। दैनिक भास्कर के रिपोर्टर ने सिकंदराराऊ CHC में 95 लाशें गिनीं। एटा CMO उमेश त्रिपाठी ने बताया कि हाथरस से 27 शव एटा लाए गए हैं, जिनमें 25 महिलाएं और 2 पुरुष शामिल हैं।

CMO ने कहा कि टैंपो में लादकर शवों और घायलों को अस्पताल लाया गया। शवों के पंचनामे और पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया जारी है। सत्संग में 20 हजार से अधिक लोग मौजूद थे। बताते चलें कि हादसा हाथरस से 47 किमी दूर फुलरई गांव में हुआ। घायलों और मृतकों को बस-टैंपो में लादकर अस्पताल पहुंचाया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव मनोज सिंह और DGP प्रशांत कुमार को घटनास्थल पर भेजा। घटना की जांच के लिए ADG आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की टीम बनाई गई है।

दरअसल, सत्संग खत्म होने के बाद लोग एक साथ बाहर निकलने लगे। हॉल छोटा था और गेट भी संकरा था, जिससे भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे, जिससे अधिकांश महिलाएं और बच्चे घायल हो गए।

कौन हैं भोले बाबा?
भोले बाबा, जिनका असली नाम नारायण साकार हरि है, 26 साल पहले सरकारी नौकरी छोड़कर प्रवचन करने लगे। वे एटा की पटयाली तहसील के गांव बहादुर के रहने वाले हैं। उनके अनुयायी पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तराखंड में अधिक हैं।