वायनाड में तेज बारिश से भूस्खलन, 93 की मौत, 400 से अधिक लापता
केरल के वायनाड जिले में तेज बारिश के कारण सोमवार देर रात चार विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन हुआ। यह भूस्खलन रात 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच हुआ, जिसमें मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला, और नूलपुझा गांवों में घर, पुल, सड़कें और गाड़ियाँ बह गईं। इस हादसे में अब तक 93 लोगों की जान जा चुकी है। 116 लोग अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि 400 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। राहत और बचाव कार्य के लिए SDRF और NDRF की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं।
कन्नूर से सेना के 225 जवानों को वायनाड भेजा गया है। इसके अलावा, एयरफोर्स के दो हेलिकॉप्टर भी रेस्क्यू के लिए भेजे गए, लेकिन भारी बारिश के कारण उन्हें कोझिकोड वापस लौटना पड़ा। सेना की विशेष डॉग यूनिट के प्रशिक्षित कुत्तों, जिनमें बेल्जियन मैलिनोइस, लैब्राडोर, और जर्मन शेफर्ड जैसी नस्लें शामिल हैं, को भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र मेप्पाड़ी के लिए भेजा गया है।
इधर, केरल सरकार ने इस घटना के बाद राज्य में दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।
मुंडक्कई गांव इस भूस्खलन से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। यहां चूरलमाला को मुंडक्कई से जोड़ने वाला पुल बह गया है, जिससे वहां पहुंचना मुश्किल हो गया है। NDRF की 20 सदस्यीय टीम पैदल ही वहां पहुंचने का प्रयास कर रही है। मुंडक्कई में लगभग 250 लोगों के फंसे होने की सूचना है। यहां कई घर बह चुके हैं और 65 परिवार प्रभावित हुए हैं। पास के एक टी एस्टेट के 35 कर्मचारी भी लापता हैं।
चूरलमाला गांव से दो विदेशी नागरिकों को बचाया गया है। जिला पंचायत अध्यक्ष समशाद मरईक्कर ने बताया कि मुंडक्कई सड़क मार्ग से नहीं पहुंचा जा सकता है। मोबाइल नेटवर्क भी ठप है। चूरलमाला गांव में भी व्यापक नुकसान हुआ है। यहां बचाव कार्य जारी है, जिसमें कई घर बह गए हैं और कई लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जिनमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल थे जो एक होमस्टे में रुके थे। रेस्क्यू टीम एक-एक घर की जांच कर रही है।
मौसम विभाग ने आज वायनाड के अलावा कोझिकोड, मल्लपुरम और कासरगोड में भी भारी बारिश की संभावना जताई है, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में और भी कठिनाइयां आ सकती हैं।