Movie prime

गिरिराज सिंह का ओवैसी को जवाब, कहा- भारत में नहीं तो पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश या फिर अफगानिस्‍तान में निकाले जुलूस?

 

दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में शनिवार को हनुमान जन्मोत्सव के दौरान दो समुदायों के बीच जमकर हिंसा हुई थी. इसको लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि इस इलाके से जुलूस लेकर नहीं निकलना चाहिए था. जिसपर अब केंद्रीय मंत्री और भाजपा के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने पलटवार किया है. उन्‍होंने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि रामनवमी और हनुमान जयंती के मौके पर यदि इस देश में जुलूस न निकाला जाए तो फिर कहां निकाला जाएगा? क्‍या पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश या फिर अफगानिस्‍तान में जुलूस निकाले जाएं?

When necessary, BJP will fight elections alone in Bihar': Giriraj Singh

आपको बता दे कि गिरिराज सिंह ने कहा कि दिल्ली के जहांगिरपुरी में हनुमान जयंती के दौरान हुआ हमला यह साबित करता है कि देश को अस्थिर करना और अपना ताकत दिखाना है. वहीं उन्होंने ओवैसी पर हमला बोलते हुए कहा कि, ओवैसी कहते हैं कि उस गली होकर जुलूस क्यों जाता है. उनसे सवाल करता हूं कि क्या वो देश को बांट चुके हैं कि ये मुस्लिम की गली है और वो हिंदू की? 

Men who attacked Owaisi wanted to become 'Hindutva netas', says chargesheet  - India News

आगे उन्होंने कहा कि ये इस देश में नहीं चलने वाला है. लोग हमारी सहिष्णुता की परीक्षा नहीं लें. इसका समय अब बीत रहा है. पाकिस्तान में जो हमारी मंदिरें थी वो टूट गयी और हमारी बेटियां मंडप तक से उठ गयीं. गिरिराज सिंह ने कहा कि 3 करोड़ से 30 करोड़ तक होने के बाद भी हमने गले लगाया. आपके तीन हजार से तीन लाख मस्जिद हुए तब भी आपत्ति दर्ज नहीं कराया. जबकि हमारी मंदिरें टूट गयी और आबादी गिर गयी.

इतना ही नहीं आगे गिरिराज सिंह ने दिल्ली, राजस्थान और मध्यप्रदेश में हाल में हुई घटना को लेकर कहा कि ऐसी घटना उधर होती तो राहुल गांधी जैसे लोग पॉलटिकल टूरिज्म करने जाते और लालू यादव जो बीमार हैं वो भी उठकर चले जाते और कुछ भी मांग करते. आगे उन्होंने कहा कि, भारत के अंदर हमारी धार्मिक स्वतंत्रता और देवी देवता के पूजा पर ना रोक लगा है और ना ही लगेगा.

Officials don't listen to you? Beat them up with sticks: Giriraj Singh to  Begusarai residents

Read more at: https://newshaat.com/crime/During-Hanuman-Jayanti-in-Jahangirpuri-Delhi-there-was-a-ru/cid7167523.htm