भारत-पाक तनाव के बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जल, थल और वायु सेना के प्रमुखों के साथ की अहम बैठक

देश की रक्षा तैयारियों को लेकर आज शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई। यह बैठक ऐसे समय में हुई जब भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान की ओर से दागे गए मिसाइल और भेजे गए ड्रोन को सफलतापूर्वक रास्ते में ही रोक दिया। इस अहम बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी भी शामिल रहे। बैठक के दौरान शीर्ष अधिकारियों ने देश के बदलते सुरक्षा हालात पर चर्चा की और भविष्य की रणनीति को लेकर विचार-विमर्श किया।
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने बीते 48 घंटों में जम्मू, पठानकोट और उधमपुर सहित उत्तर और पश्चिम भारत के लगभग 15 सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी। इनमें श्रीनगर, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, नल, फलौदी, उत्तरलाई और भुज जैसे स्थान शामिल हैं। भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर इन हमलों को समय रहते नाकाम कर दिया। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा और नागरिकों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से सक्षम और तैयार है।

एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा, “हमारे सुरक्षाबलों ने बेहद चौकसी दिखाते हुए दुश्मन की साजिश को विफल कर दिया। मिसाइल और ड्रोन को लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही निष्क्रिय कर दिया गया।”
इस घटनाक्रम के बाद भारत की सैन्य सतर्कता और निगरानी क्षमताएं एक बार फिर साबित हुई हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सुरक्षा बल हर परिस्थिति में सतर्क रहेंगे और किसी भी खतरे से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखेंगे।