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अरविंद केजरीवाल की अकर्मण्यता से दिल्ली में प्रदूषण की दोहरी मार : वीरेन्द्र सचदेवा

दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भ्रष्टाचार और सत्ता संघर्ष में उलझी टीम केजरीवाल की निष्क्रियता के कारण आज दिल्ली दोहरी प्रदूषण की मार झेल रही है। एक ओर जहां दिल्ली की हवा जहरीले कणों से भरी हुई है, वहीं यमुना नदी का जल भी विषाक्त हो चुका है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोग आज 2020 के चुनाव प्रचार के दौरान केजरीवाल के उन वादों को याद करते हैं जब वे 2025 के चुनाव से पहले अपने मंत्रिमंडल के साथ यमुना में डुबकी लगाने की बात करते थे। लेकिन अब, भ्रष्टाचार में डूबी केजरीवाल सरकार ने इस वादे से मुंह मोड़ लिया है। यमुना में हाथ या पैर डालते ही त्वचा रोग होने का खतरा बन जाता है, और इसका कारण है यमुना में गिरने वाला अनियंत्रित सीवेज।
सचदेवा ने बताया कि यमुना जब हरियाणा से दिल्ली के पल्ला इलाके में प्रवेश करती है, तब उसका जल पीने योग्य होता है। लेकिन कालिंदी कुंज और ओखला से उत्तर प्रदेश की ओर बहते-बहते यमुना पूरी तरह जहरीली हो जाती है। पल्ला से ओखला तक के 39 किलोमीटर के सफर में रोजाना 170 मिलियन गैलन से भी अधिक गंदा पानी यमुना में गिरता है। दिल्ली की 18 नालियों में से 12 बिना किसी साफ-सफाई के सीवेज को सीधे यमुना में गिराते हैं, जिससे यमुना जीवनदायिनी से मृत्यु भंजनी बन चुकी है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि जैसे ही मौसम बदलता है, यमुना में फास्फेट और सर्फकटेंट्स की भारी मात्रा के कारण झाग बनने लगता है। इसके लिए उन्होंने केजरीवाल और आतिशी मार्लेना की सरकारों को जिम्मेदार ठहराया, जो इस समस्या के समाधान के लिए आवश्यक एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) लगाने में पूरी तरह विफल रही हैं। अगस्त 2024 में आई दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली जल बोर्ड के 37 में से 22 एसटीपी मानकों पर खरे नहीं उतरते, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।