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अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की वापसी पर सरप्राइज गिफ्ट तैयार, किसान ने अनाज से बनाया अंतरिक्ष यात्रियों का पोट्रेट

अंतरिक्ष में 18 दिन बिताने के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला आज मंगलवार, 15 जुलाई को धरती पर लौट रहे हैं। उनके अनुभवों को जानने के लिए पूरा देश उत्साहित है और हर कोई उनकी वापसी का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा है। शुभांशु की वापसी पर मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में भी खास तैयारी की गई है, जहां एक स्थानीय किसान ने उन्हें एक बेहद अनोखा तोहफा देने का निश्चय किया है।

नर्मदापुरम के सुपारली गांव निवासी किसान योगेंद्र सिंह सोलंकी ने शुभांशु शुक्ला और उनके साथ अंतरिक्ष गए तीन अन्य यात्रियों के पोट्रेट अनाज से तैयार किए हैं। योगेंद्र सिंह को अनाज से चित्र बनाने की कला में महारत हासिल है और वह पहले भी कई मशहूर हस्तियों के पोट्रेट इसी माध्यम से बना चुके हैं।

धान, तिल और रागी से बनी तस्वीरें

योगेंद्र ने बताया कि उन्होंने यह कार्य शुभांशु की अंतरिक्ष यात्रा शुरू होते ही आरंभ कर दिया था। उन्होंने बताया कि भारत एक कृषि प्रधान देश है, और इस अनोखी कला के जरिए वे लोगों को अनाज के महत्व से जोड़ना चाहते हैं।

धान, तिल और रागी से बनी तस्वीरें
इन पोट्रेट्स को बनाने में धान, बाजरा, तिल, रागी, अलसी, खस-खस और राजगिरा जैसे विविध प्रकार के अनाजों का उपयोग किया गया है। योगेंद्र पिछले पांच वर्षों से अनाज से चित्र बनाते आ रहे हैं और इस बार उन्होंने अपनी कला को अंतरिक्ष यात्रियों के स्वागत के लिए समर्पित किया है।

पहले भी बना चुके हैं अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के पोट्रेट
किसान योगेंद्र सिंह इससे पहले अमेरिका की पैगी विलसन, पोलैंड के सवोस उज्जानवास्की और हंगरी के टेगो कापूर जैसे विदेशी अंतरिक्ष यात्रियों के पोट्रेट भी बना चुके हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोट्रेट भी अनाज से तैयार किया था।

योगेंद्र सिंह कहते हैं कि उन्हें यह जानकर बेहद गर्व महसूस हुआ कि शुभांशु शुक्ला और उनके साथी अंतरिक्ष में कृषि और अनाज पर रिसर्च कर रहे हैं। इसी प्रेरणा से उन्होंने इन वैज्ञानिकों के सम्मान में यह कलाकृति बनाई।

पृथ्वी पर वापसी की उलटी गिनती शुरू
शुभांशु शुक्ला और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री एक दिन पहले धरती की ओर रवाना हो चुके हैं। 24 घंटे के सफर के बाद आज दोपहर 3 बजे उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट कैलिफोर्निया तट के पास समुद्र में लैंड करेगा। ये मिशन एक्सियम-4 के तहत 25 जून को शुरू हुआ था।