जोधपुर में शुरू हुआ 'बोल्ड कुरुक्षेत्र 2025' अभ्यास, भारत-सिंगापुर सेनाओं की युद्ध तैयारियों को मिलेगा नया आयाम
भारतीय सेना और सिंगापुर सशस्त्र बलों के बीच बहुप्रतीक्षित संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘बोल्ड कुरुक्षेत्र 2025’ का आयोजन राजस्थान के जोधपुर स्थित रेगिस्तानी इलाकों में आरंभ हो चुका है। इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच समन्वय को मजबूत बनाना, साझा रणनीति विकसित करना और युद्धक्षेत्र में सामूहिक संचालन की दक्षता को और बेहतर करना है।
भारतीय सेना की साउदर्न कमांड ने इस अभ्यास की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से साझा की है। बताया गया कि दोनों देशों के सैनिक आधुनिक युद्ध परिदृश्यों की नकल करते हुए उच्चस्तरीय तकनीकी और सामरिक क्षमताओं का परिचय दे रहे हैं।
Forging Strength, Training Together ! 🇮🇳🤝🇸🇬
— Southern Command INDIAN ARMY (@IaSouthern) July 24, 2025
Joint #ExerciseBoldKurukshetra unfolds at #Jodhpur, as the #IndianArmy and #Singapore Army come together to enhance synergy, simulate combat manoeuvres & sharpen joint warfighting skills.#StrongerTogether#MilitaryCooperation… pic.twitter.com/C1Xxb8rsN6
शहरी युद्ध और आतंकवाद से निपटने की रणनीति पर ज़ोर
इस संयुक्त युद्धाभ्यास में खासतौर पर शहरी युद्ध संचालन, आतंकवाद विरोधी अभियानों और समन्वित सामरिक अभ्यासों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। दोनों सेनाएं अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों, उन्नत संचार तकनीकों और समकालीन युद्ध रणनीतियों का इस्तेमाल कर रही हैं, जिससे वास्तविक युद्ध जैसी परिस्थितियों में सहयोग और तालमेल को परखा जा सके।
सैनिकों को मिल रहा व्यावहारिक अनुभव
अभ्यास के दौरान सैनिकों को जटिल परिस्थितियों में त्वरित निर्णय लेने, खुफिया जानकारी साझा करने और एकीकृत संचालन की कला का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे दोनों सेनाओं को न केवल एक-दूसरे की रणनीतियों को समझने का अवसर मिलेगा, बल्कि भविष्य की किसी भी चुनौती का प्रभावी ढंग से सामना करने की क्षमता भी विकसित होगी।
भारत-सिंगापुर रक्षा संबंधों को नई मजबूती
‘बोल्ड कुरुक्षेत्र 2025’ न केवल एक सैन्य अभ्यास है, बल्कि यह भारत और सिंगापुर के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग का भी प्रतीक है। दोनों देशों की सेनाएं अपने अनुभव और विशेषज्ञता को साझा कर रही हैं, जो दीर्घकालिक सामरिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
यह अभ्यास 30 जुलाई 2025 तक चलेगा, जिसमें विभिन्न प्रकार के युद्ध परिदृश्यों का अभ्यास कर दोनों सेनाएं अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगी। इससे दोनों देशों को रक्षा क्षेत्र में परस्पर विश्वास और सहयोग की भावना को और अधिक प्रगाढ़ करने का अवसर मिलेगा।







