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BREAKING : जाति जनगणना को मिली केंद्रीय कैबिनेट की मंज़ूरी, मूल जनगणना के साथ ही होगा 'Caste Census'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार सुबह 11 बजे केंद्रीय कैबिनेट की अहम बैठक हुई, जिसमें कई बड़े निर्णय लिए गए। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जाति आधारित जनगणना कराने का फैसला लिया है।

वैष्णव ने बताया कि 1947 के बाद से जाति जनगणना नहीं हुई थी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में इसे लेकर चर्चा जरूर हुई थी, लेकिन कांग्रेस ने इसे केवल राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि जाति जनगणना केंद्र सरकार का विषय है और अब इसे मुख्य जनगणना प्रक्रिया में ही जोड़ा जाएगा। कुछ राज्य सरकारों ने इसे अपने स्तर पर लागू किया है, लेकिन केंद्र सरकार अब इसे राष्ट्रीय स्तर पर करने जा रही है ताकि सामाजिक संतुलन और एकता बनी रहे।

बैठक में एक और बड़ा निर्णय लिया गया। मोदी सरकार ने शिलॉन्ग से सिलचर के बीच 166 किलोमीटर लंबा और 6 लेन वाला हाईस्पीड कॉरिडोर बनाने की मंजूरी दी है। यह कॉरिडोर पूर्वोत्तर भारत के विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस परियोजना पर लगभग 22,864 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह कैबिनेट की कोई बैठक नहीं हुई थी। 23 अप्रैल को सिर्फ कैबिनेट की सुरक्षा समिति (CCS) की बैठक हुई थी, जिसमें आतंकवादी घटनाओं की निंदा की गई थी।

इसके पहले, 9 अप्रैल को हुई कैबिनेट बैठक में भी कई बड़े फैसले लिए गए थे। इसमें तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश को जोड़ने वाली तिरुपति से कटपडी के बीच 104 किलोमीटर की सिंगल रेल लाइन को डबल ट्रैक में बदलने की योजना को मंजूरी दी गई थी। इस प्रोजेक्ट पर 1332 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इससे न केवल तिरुमला वेंकटेश्वर मंदिर तक पहुंच आसान होगी, बल्कि श्रीकालहस्ती, कनिपकम और चंद्रगिरी किले जैसे धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी।