Movie prime

Chandrayaan 3 के लॉन्च की उलटी गिनती शुरू, जानिये कहां, कब और कैसे देख सकेंगे लॉन्चिंग

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो 4 साल बाद एक बार फिर से शुक्रवार को पृथ्वी के इकलौते उपग्रह चंद्रमा पर चंद्रयान पहुंचाने की अपने तीसरे मिशन के लिए तैयार है। इस मिशन के तहत 43.5 मीटर लंबा रॉकेट 14 जुलाई को दोपहर 2:35 पर दूसरे लांच पैड से प्रक्षेपित किया जाना है। गुरुवार से उल्टी गिनती शुरू होगी। मंगलवार को ही प्रक्षेपण रिहर्सल पूरा कर लिया गया है। इसरो चांद पर यान की सॉफ्ट लैंडिंग कराने के मिशन में अगर सफल हो जाता है तो अमेरिका चीन और पूर्व सोवियत संघ के बाद इस सूची में शामिल होने वाला भारत चौथा देश बन जाएगा। 4 साल पहले यानी 2019 में chandrayaan-2 चांद की सतह पर सुरक्षित तरीके से उतरने में विफल रहा था, तब भावुक हुए तत्कालीन इसरो प्रमुख के. सिवन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें आज भी लोगों को याद है। 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से होने वाले इस बहुप्रतीक्षित के लिए इसरो जोर-शोर से तैयारियों में लगा हुआ है।

यहां से देख सकेंगे रॉकेट लॉन्च

चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग का सभी गवाह बनना चाहते हैं। हर कोई इस पल को अपने कैमरे में कैद करना चाहता है। इसरो ने भी इसके लिए खास तैयारी की है। इसरो की वेबसाइट पर लोगों के लिए इस खास पल को देखने के लिए बुकिंग की जा रही है। इसरो की आधिकारिक वेबसाइट http://www.isro.gov.in पर आप लॉन्च व्यू गैलरी की सीट बुक कर सकते है। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया कि चंद्रयान-3 के लॉन्च को देखने के लिए इसरो की वेबसाइट पर जाकर अपनी सीट बुक कर सकते है। इसके अलावा आप इसरो की वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर भी लॉन्च का सीधा प्रसारण देख सकते है।

भारत दुनिया का पहला देश बन जाएगा

चंद्रयान-3 मिशन के तहत इसरो चांद की दक्षिणी सतह पर उतर कर उसका अध्ययन करना चाहता है। चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा। अगर चंद्रयान यहां पहुंचने में कामयाब हो जाता है तो भारत दुनिया का पहला देश बन जाएगा जो उस हिस्से में पहुंचेगा। चांद पृथ्वी से ही टूट कर बना है लेकिन मानव गतिविधियों के कारण प्रारंभिक इतिहास पृथ्वी से मिट चुका है लेकिन चांद पर यह संरक्षित है। वैज्ञानिक चांद का अध्ययन कर धरती की उत्पत्ति को समझना चाहते हैं। पृथ्वी के साथ चन्द्रमा के रिश्ते को गहराई से समझना चाहते हैं।

News Hub