अनिल अंबानी के ठिकानों पर लगातार तीसरे दिन ईडी की छापेमारी, 3000 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग की जांच तेज
मुंबई में उद्योगपति अनिल अंबानी के आवास और उनसे जुड़ी कंपनियों के कार्यालयों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी शनिवार को तीसरे दिन भी जारी रही। यह कार्रवाई लगभग 3000 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत की जा रही है, जो यस बैंक लोन घोटाले से संबंधित है।
ईडी की टीमें रिलायंस ग्रुप से जुड़ी विभिन्न इकाइयों पर एक साथ छापा मार रही हैं। बताया गया है कि यह जांच यस बैंक द्वारा अनिल अंबानी की कंपनियों को दिए गए कर्ज को लेकर हो रही है।
गौरतलब है कि अनिल अंबानी, देश के शीर्ष उद्योगपति मुकेश अंबानी के छोटे भाई हैं। एक समय में वह दुनिया के अमीरों की सूची में शामिल थे, लेकिन बीते कुछ वर्षों में उनकी कई कंपनियां भारी कर्ज में डूबीं और कई दिवालिया हो चुकी हैं या बिक गई हैं।
एक अहम पहलू यह भी है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अनिल अंबानी और उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस को 'फ्रॉड' घोषित किया है। वर्ष 2018 में उनके रिलायंस ग्रुप पर कुल कर्ज लगभग 1.8 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका था।
इसमें प्रमुख कंपनियों पर कर्ज इस प्रकार था:
- रिलायंस कम्युनिकेशंस: ₹40,413 करोड़
- रिलायंस पावर: ₹18,766 करोड़
- रिलायंस होम फाइनेंस: ₹11,540 करोड़
- रिलायंस कैपिटल: ₹26,086 करोड़
- रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग: ₹12,800 करोड़
हालांकि हाल ही में रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने खुद को कर्जमुक्त घोषित किया है।
ईडी के अनुसार, 2017 से 2019 के बीच यस बैंक ने अनिल अंबानी की कंपनियों को करीब 3000 करोड़ रुपये का लोन प्रदान किया था, जिसे बाद में ग्रुप की अन्य कंपनियों और शेल कंपनियों के माध्यम से इधर-उधर किया गया।
एजेंसी को प्राप्त सबूतों के अनुसार लोन की राशि का उपयोग वास्तविक उद्देश्यों की बजाय अन्य कार्यों में किया गया और यस बैंक के कुछ अधिकारियों को रिश्वत भी दी गई थी। फिलहाल ईडी की जांच जारी है और आने वाले दिनों में और खुलासे होने की संभावना है।







