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भारत की दूसरी न्यूक्लियर पनडुब्बी INS अरिघात नौसेना के बेड़े में शामिल

भारत की दूसरी न्यूक्लियर पनडुब्बी, INS अरिघात (S-3), पूरी तरह से तैयार है और आज इसे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारतीय नौसेना को सौंपेंगे। 2017 में लॉन्च की गई इस पनडुब्बी की लगातार टेस्टिंग की जा रही थी और अब इसे औपचारिक रूप से कमीशन किया जाएगा। 

इस मौके पर नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी, भारतीय रणनीतिक कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल सूरज बेरी और DRDO के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे। INS अरिघात, INS अरिहंत का उन्नत संस्करण है और इसे विशाखापट्टनम में भारतीय नौसेना के शिप बिल्डिंग सेंटर (SBC) में निर्मित किया गया था। अरिहंत की तरह, यह भी 750 किलोमीटर की रेंज वाली K-15 मिसाइलों से सुसज्जित है, और इसका वजन लगभग 6 हजार टन है।

भारत की तीसरी न्यूक्लियर पनडुब्बी भी निर्माणाधीन
भारतीय नौसेना अब तक तीन न्यूक्लियर पनडुब्बियां तैयार कर चुकी है। INS अरिहंत पहले से कमीशन है, INS अरिघात को अब नौसेना को सौंपा जा रहा है और तीसरी पनडुब्बी S3 पर अभी टेस्टिंग जारी है। इन न्यूक्लियर पनडुब्बियों के माध्यम से भारत दुश्मन देशों पर परमाणु मिसाइलें दागने में सक्षम होगा। 2009 में INS अरिहंत को पहली बार कारगिल विजय दिवस के मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पत्नी द्वारा लॉन्च किया गया था। 2016 में इसे नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया, और पिछले पांच वर्षों में दो और पनडुब्बियां लॉन्च की गई हैं।

भारत बना दुनिया का छठा न्यूक्लियर ट्रायड देश
INS अरिघात समुद्र के अंदर से मिसाइल दागने की वही क्षमता रखती है, जो INS अरिहंत ने 14 अक्टूबर 2022 को K-15 SLBM की सफल परीक्षण के दौरान प्रदर्शित की थी। इसके साथ ही भारत अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन के बाद दुनिया का छठा न्यूक्लियर ट्रायड देश बन चुका है, जो जमीन, हवा और समुद्र से परमाणु हमले करने में सक्षम है।